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ऑक्सफर्ड एक्सपर्ट ने किया दावा, कोरोना के नए वेरियंट्स पर असरदार वैक्सीन बूस्टर सितंबर तक आ जाएगा

Kunti Dhruw
24 April 2021 2:00 PM GMT
ऑक्सफर्ड एक्सपर्ट ने किया दावा,  कोरोना के नए वेरियंट्स पर असरदार वैक्सीन बूस्टर सितंबर तक आ जाएगा
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ऑक्सफर्ड वैक्सीन चीफ ऐंड्रू पोलार्ड ने बताया है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क: लंदन। ऑक्सफर्ड वैक्सीन चीफ ऐंड्रू पोलार्ड ने बताया है कि वायरस के नए वेरियंट्स पर असर करने वाली वैक्सीन सितंबर तक तैयार हो सकती है। हालांकि, उन्होंने साफ किया है कि मौजूदा वैक्सीन भी इनके खिलाफ काफी हद तक कारगर हैं। प्रफेसर पोलार्ड ने जनता को वैक्सीन लेने के लिए सलाम भी किया। उन्होंने बताया कि पब्लिक हेल्थ डेटा से पता चलता है कि 30 लाख खुराकें देने से कम से कम 10 हजार जानों को बचाया गया है।

उन्होंने कहा कि एक साल पहले यह सोचना मुश्किल था कि ऐसा भी हो सकता है। प्रफेसर पोलार्ड ने कहा कि ब्रिटेन में हालात बेहतर हैं लेकिन दुनिया के दूसरे हिस्सों में वैक्सीन को लेकर चर्चा के कारण दिक्कतें हैं। ऑक्सफर्ड-AstraZeneca की वैक्सीन के साथ खून के थक्के जमने का संबंध पाए जाने के बाद जर्मनी, फ्रांस, इटली, स्पेन और नीदरलैंड्स जैसे देशों ने इसे रोक दिया।
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जाइडस कैडिला का हेडक्वार्टर अहमदाबाद, गुजरात में है। इस वक्त कंपनी के पूरी दुनिया में 19500 से ज्यादा कर्मचारी हैं और 1200 से अधिक वैज्ञानिक रिसर्च में लगे हैं। जाइडस कैडिला को कैडिला हेल्थकेयर के नाम से भी जाना जाता है। कंपनी को 1952 में रमनभाई पटेल ने अपने बिजनेस पार्टनर इंद्रवदन मोदी के साथ मिलकर शुरू किया था। इससे पहले रमनभाई एलएम काॅलेज ऑफ फाॅर्मेसी में लेक्चरर थे।
1995 में पटेल और मोदी परिवार अलग-अलग हो गए और मोदी परिवार का शेयर एक नई कंपनी 'कैडिला फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड' (Cadila Pharmaseuticals Limited) के तौर पर सामने आया। इसके बाद कैडिला हेल्थकेयर लिमिटेड पर केवल पटेल फैमिली का स्वामित्व हो गया। कंपनी साल 2000 में अपना आईपीओ (Initial Public Offering) लेकर आई।
जाइडस कैडिला की बहुलांश शेयरधारक पटेल फैमिली है। रमनभाई पटेल के बेटे पंकज पटेल इस वक्त कंपनी के चेयरमैन हैं। साल 2020 में Forbes के मुताबिक, पंकज पटेल की कुल संपत्ति 3.9 अरब डाॅलर थी और वह भारत के 46वें सबसे रईस थे। कैडिला हेल्थकेयर के मैनेजिंग डायरेक्टर पंकजभाई के बेटे शार्विल पंकजभाई पटेल हैं। उन्होंने 2017 में यह पद संभाला था।
2015 में जाइडस कैडिला ने जर्मन रेमेडीज नाम की भारतीय फार्मा कंपनी का अधिग्रहण किया। वहीं 2007 में Química e Farmacêutica Nikkho do Brasil Ltda (Nikkho) का अधिग्रहण किया। जाइडस के भारत में 9 फार्मास्युटिकल प्राॅडक्शन ऑपरेशंस हैं। कंपनी बड़े पैमाने पर फार्मा समेत डायग्नोस्टिक्स, हर्बल प्राॅडक्ट्स, स्किन केयर प्राॅडक्ट्स और दूसरे ओटीसी प्राॅडक्ट्स को विकसित व मैन्युफैक्चर करती है।
साल 2020 में Fortune इंडिया 500 लिस्ट में जाइडस कैडिला 100वीं पोजिशन पर थी। जाइडस कैडिला फार्मा, रिसर्च एंड डेवलपमेंट, एनिमल हेल्थ, Formulations, एक्टिव फार्मास्युटिकल इंग्रीडिएंट्स और वेलनेस प्राॅडक्ट्स क्षेत्र में परिचालन कर रही है। जुलाई 2020 में जाइडस कैडिला को ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया से जायकोव डी नाम की कोविड19 वैक्सीन के इंसानों पर ट्रायल्स की अनुमति मिली थी।
बीएसई (Bombay Stock Exchange) के मुताबिक, कैडिला हेल्थकेयर का मार्केट कैप इस वक्त 58476.18 करोड़ रुपये है। कंपनी के शेयर की कीमत 571.20 रुपये है। 23 अप्रैल को कैडिला हेल्थकेयर के शेयर ने 577.65 का स्तर छुआ, जो 52 सप्ताह का उच्च स्तर है। मई 2020 में कंपनी के शेयर ने 52 सप्ताह का निचला स्तर छुआ था। उस वक्त जाइडस कैडिला का शेयर 318.10 रुपये के लेवल पर आ गया था.
जानकारी के मुताबिकए Zydus ने वीराफिन का ट्रायल देश के तकरीबन 25 सेंटर्स पर किया थाए जिसमें उत्साहजनक नतीजे सामने आए। अब इसे अस्पतालों में उपलब्ध कराया जाएगा और डॉक्टरों की सलाह के बाद इसे मरीजों को दिया जाएगा। पीराफिन दवा 18 वर्ष के अधिक के हल्के लक्षण वाले मरीजों पर असरदार साबित हुई है। कंपनी के मुताबिकए क्लिनिकल ट्रायल में दवा के 91.15 फीसदी तक रिजल्टस मिले हैं। कंपनी ने अपने बयान में कहा है कि इस दवा से क्लीनिकल ट्रायल के चरण 3 में कोविड19 के इलाज में अच्छे परिणाम दिए। अंतरिम परिणामों से संकेत मिलता है कि जब बीमारी के शुरू में ही इस्तेमाल करने पर यह दवा मरीजों को तेजी से रिकवर होने में मदद कर सकती है। साथ ही बीमारी के एडवांस स्टेज में होने वाली जटिलताओं से बचा जा सकता है. हालांकि, प्रफेसर पोलार्ड ने कहा कि थक्के जमने के मामले बेहद दुर्लभ हैं और लोगों को खतरे और फायदे की तुलना करके देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा खतरा वैक्सीन न लगवाना है। उन्होंने साफ किया कि वैक्सीन नए वेरियंट पर 100% असरदार होंगी, यह कहना मुश्किल है लेकिन गंभीर बीमारी को यकीनन रोक सकेंगी।


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