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चीन में कोरोना से हाहाकार: जीरो कोविड पॉलिसी फेल, भाग रहे लोग

jantaserishta.com
29 April 2022 7:12 AM GMT
चीन में कोरोना से हाहाकार: जीरो कोविड पॉलिसी फेल, भाग रहे लोग
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शंघाई: चीन के शंघाई में कोरोना के केसों में अप्रत्याशित बढ़ोतरी हुई है. इसके चलते वहां हाहाकार मचा हुआ है, सरकार ने संक्रमण की रोकथाम के लिए लॉकडाउन का हथकंडा अपनाते हुए तालाबंदी कर दी है. अब आलम ये है कि कारोबार के बड़े केंद्र वाले इस शहर से लोग भागने के लिए मजबूर हो गए हैं. स्थानीय पैकर्स और मूवर्स के साथ ही कुछ कानूनी फर्मों का कहना है कि चीन के सबसे महत्वपूर्ण शहर शंघाई से लोग तेजी से भाग रहे हैं. जबकि कुछ लोगों ने सोशल मीडिया के जरिए लोगों से सलाह ली है कि शहर में लॉकडाउन लगा हुआ है, प्रतिबंध के बीच वह शहर छोड़ने के लिए क्या उपाय कर सकते हैं.

ढाई करोड़ की आबादी वाले शहर में मल्टीनेशनल कंपनियों की भरमार है. यहां भारी संख्या में विदेशी रहते हैं, लेकिन कोविड के केस बढ़ने के बाद इन्होंने यहां से पलायन करना शुरू कर दिया है. अंतरराष्ट्रीय मूवर्स शंघाई M&T के संस्थापक माइकल फाउंग ने कहा कि आम तौर पर हमें हर महीने करीब 30-40 ऑर्डर मिलते थे. लेकिन इस महीने इस तरह के ऑर्डर में भारी इजाफा हुआ है.
एजेंसी के मुताबिक शंघाई में कोविड के केस बढ़ने के बाद दुश्वारियां भी बढ़ गई हैं, आलम ये है कि यहां लोगों को खाना तक नसीब नहीं हो रहा है. 10 विदेशी नागरिकों ने बताया कि उन्हें खाने का इंतजाम करने में बेहद कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है, इतना ही नहीं, हर पल इस बात का भी डर बना रहता है कि घर को कोई सदस्य संक्रमित न हो जाए, अगर किसी को कोविड हो गया तो मरीज को आइसोलेशन में ले जाया जा रहा है, ऐसे में परिजनों को परिवार से दूर होने का डर भी सता रहा है.
शंघाई में एक विदेशी नागरिक जेनिफर ली ने बताया कि लॉकडाउन से पहले मैं जो चाहती थी, वह करने के लिए आजाद थी. मुझे कभी किसी तरह की परेशानी महसूस नहीं हुई. लेकिन लॉकडाउन के बाद मैंने सत्ता की ताकत और एक डर को महसूस किया. मैं यहां पर पिछले 11 साल से रह रही थी, लेकिन अब यहां से निकलना चाहती हूं. उन्होंने कहा कि कोविड के दौर में हमें ये अहसास हुआ कि इंसानों का जीवन और मेंटल हेल्थ इस सरकार के लिए कतई महत्वपूर्ण नहीं है.
शहर छोड़ने वाले लोगों ने बताया कि एयरपोर्ट तक पहुंचने के लिए मुसीबत हो रही है. कैब के लिए 500 डॉलर का भुगतान करना पड़ रहा है. हालांकि आमतौर पर एयरपोर्ट तक जाने का किराया महज 30 डॉलर होता है. इसके अलावा कुछ फ्लाइट्स रद्द कर दी गई हैं. इसके चलते लोग एयरपोर्ट पर फंसे हुए हैं.
एजेंसी के मुताबिक एक विदेशी नागरिक ने बताया कि उन्होंने और उनकी 5 महीने की बेटी ने पुडोंग एयरपोर्ट के फर्श पर सोकर 7 दिन गुजारे. खाने का संकट खड़ा हो गया. उन्होंने कहा कि मैंने जो भुगता है, वह खतरनाक है. मुझे बस अपने देश वापस जाने दो. मैं वहीं कुछ कर लूंगा.
शंघाई में कड़े लॉकडाउन की वजह से यहां खाने से लेकर बुनियादी जरूरतों की आपूर्ति नहीं हो पा रही है. अस्पतालों ने आपात स्थितियों में भी इलाज देने से हाथ खड़े कर दिए हैं, लिहाजा यहां रहने वाले लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के आंकड़ों के मुताबिक पिछले दिन चीन में 11,285 नए मामले दर्ज किए हैं. इसमें अधिकांश लोग संक्रमित शंघाई के हैं, जबकि इस मेट्रोपॉलिटन शहर में कोविड से पिछले 24 घंटे में 47 लोगों की मौत हुई है.
कोरोना संक्रमण के प्रकोप के चलते चीन के बीजिंग शहर के सभी स्कूलों को बंद कर दिया है. सरकारी आदेश में कहा गया है कि कोविड की रोकथाम के लिए इस तरह के फैसले लेना जरूरी है, लिहाजा स्कूलों में कक्षाएं तत्काल प्रभाव से बंद कर दी जाएं. हालांकि अभी इस बात की जानकारी नहीं दी गई है कि दोबारा से स्कूल कब बहाल किए जाएंगे. इसके साथ ही ऑनलाइन क्लास का भी ऑप्शन नहीं दिया गया है. इसके अलावा बीजिंग के चाओयांग जिले में दो हाउसिंग सोसाइटी के लोगों को घर के अंदर रहने के कड़े निर्देश दिए गए हैं. साथ ही इस क्षेत्र में कुछ क्लीनिक और व्यवसाय बंद करा दिए गए हैं.

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