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30 अधिकारियों को फांसी देने का आदेश, तानाशाही फरमान जारी

Nilmani Pal
4 Sep 2024 12:15 PM GMT
30 अधिकारियों को फांसी देने का आदेश, तानाशाही फरमान जारी
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उत्तर कोरिया north korea news । उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने एक बार फिर तानाशाही फरमान जारी किया है। उन्होंने बाढ़ और भूस्खलन रोकने में नाकाम रहने वाले 30 अधिकारियों को फांसी देने का आदेश दिया है। स्थानीय मीडिया ने बताया कि देश में बाढ़ और भूस्खलन के कारण एक हजार लोगों की मौत हो गई है। उत्तर कोरिया के टीवी चोसुन ने एक अधिकारी के हवाले से बताया कि भ्रष्टाचार और काम में लापरवाही बरतने के आरोप में 20 से 30 अधिकारियों को मौत की सजा सुनाई गई है। kim jong un

अधिकारी ने टीवी चोसुन को बताया कि पिछले महीने के अंत में बाढ़ प्रभावित इलाके में 20 से 30 कैडरों को मौके पर ही फांसी दे दी गई थी। उत्तर कोरिया की सेंट्रल न्यूज एजेंसी के अनुसार, इससे पहले किम जोंग उन ने बाढ़ और भूस्खलन के कारण मृत्यु दर में हुई बढ़ोत्तरी और 15 हजार से अधिक लोगों के विस्थापित होने के बाद अधिकारियों को कड़ी सजा देने का आदेश दिया था।

कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) ने बताया कि सिनुइजू और उत्तरी फ्योंगान प्रांत के उइजू काउंटी में भारी बारिश हुई। इसके चलते 4,100 घर; 7,410 एकड़ कृषि भूमि और कई इमारतें, सड़कें और रेल पटरियां जलमग्न हो गई थीं। दक्षिण कोरियाई मीडिया आउटलेट्स ने बताया कि बाढ़ और भूस्खलन के कारण मरने वालों या लापता लोगों की संख्या लगभग एक हजार से अधिक हो सकती है। कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी ने कहा कि हाल ही में किम जोंग उन ने बाढ़ पीड़ितों से मिलने और सहायता प्रदान करने के लिए उइजू काउंटी का दौरा किया था। उन्होंने उत्तर कोरिया में बाढ़ से हुए भयंकर नुकसान पर आई दक्षिण कोरियाई मीडिया की रिपोर्टों की निंदा की थी। किम ने इन रिपोर्टों को मनगढ़ंत और राजनीति से प्रेरित बताया था।

इस बीच उत्तर कोरिया को चीन, रूस और दक्षिण कोरिया से सहायता की पेशकश की गई थी, लेकिन किम जोंग ने किसी भी तरह की सहायता लेने से इनकार कर दिया था। हालांकि, उन्होंने मदद की पेशकश के लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का आभार जताया था। किम ने कहा कि वह जरूरत पड़ने पर मदद मांगेंगे। कोविड-19 के बाद से उत्तर कोरिया में फांसी की सजा की घटनाएं बढ़ गई हैं। कोरिया टाइम्स के अनुसार, महामारी से पहले देश में हर साल औसतन 10 लोगों को फांसी दी जाती थी, महामारी के बाद बढ़कर 100 तक पहुंच गई है।

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