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कीव: यूक्रेन सीमा के पास रूस के हाइपरसोनिक मिसाइलें, फाइटर जेट और 1 लाख से अधिक सैनिक तैनात करने के बाद अब अमेरिकी वायुसेना भी हरकत में आ गई है। अमेरिका ने अपने 4 महाविनाशक B-52 बॉम्बर को ब्रिटेन में तैनात कर दिया है। यही नहीं परमाणु बम से लैस इन बॉम्बर्स ने भूमध्य सागर में यूक्रेन की सीमा के आसपास उड़ान भी भरी है। इन बमवर्षक विमानों ने ऐसे समय पर उड़ान भरी है जब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने यूक्रेन के राष्ट्रपति को पूरी मदद करने का वादा किया है। प्रत्येक B-52 बॉम्बर में कम से कम 20 मिसाइलें हमेशा तैनात रहती हैं।
अमेरिकी वायुसेना के ग्लोबल स्ट्राइक कमांड ने इन बमवर्षक विमानों को ब्रिटेन के फेयरफोर्ड वायुसैनिक अड्डे पर तैनात किया है। अमेरिका ने इस बॉम्बर की तैनाती ऐसे समय पर की है जब यूक्रेन को लेकर अमेरिका और रूस के बीच तलवारें खिंची हुई हैं। ड ड्राइव की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी बॉम्बर अपने होम बेस नॉर्थ डकोटा से ब्रिटेन पहुंचे हैं। ये विमान अगले 3 सप्ताह तक ब्रिटेन में ही बने रहेंगे। माना जा रहा है कि रूस और बेलारूस के बीच चल रहे जोरदार युद्धाभ्यास को देखते हुए अमेरिका ने अपने बॉम्बर्स को भेजा है।
यूरोप में गश्त लगा रहे हैं अमेरिकी बॉम्बर
अमेरिकी बॉम्बर आते ही अपने मिशन पर लग गए हैं और रूस की सीमा के पास यूरोप में गश्त लगा रहे हैं। यूरोप में अमेरिकी वायुसेना के कमांडर जनरल जेफ्री एल हैरीगियान ने कहा कि बदलते वैश्विक सुरक्षा माहौल में यह जरूरी है कि हमारे सहयोगी देश एकजुट रहें। हम यूरोप में ट्रेनिंग के लिए हैं और एकसाथ सहयोग कर रहे हैं ताकि हमारी सामूहिक हवाई ताकत को बढ़ाया जा सके। इन बॉम्बर के ब्रिटेन पहुंचने पर रॉयल एयरफोर्स के टायफून लड़ाकू विमानों ने स्वागत किया।
दुनियाभर में परमाणु हथियारों पर नजर रखने वाले अमेरिकी वैज्ञानिक हांस क्रिस्टेंशन के मुताबिक भूमध्य सागर में गश्त लगाने वाला बॉम्बर परमाणु और परंपरागत दोनों ही क्रूज मिसाइलों को दागने में सक्षम है। माना जा रहा है कि अमेरिका ने रूस को सख्त संदेश देने के लिए इस परमाणु बॉम्बर को उड़ाया है। यह बॉम्बर एक बार में 32,000 किलो हथियार ले जा सकता है। इसकी मारक क्षमता करीब 14,080 किलोमीटर है। इसमें 6 इंजन लगे होते हैं और इसे खासतौर रूसी खतरे को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है। अमेरिका ने 58 B-52 बमवर्षक विमानों को एक्टिव ड्यूटी पर लगा रखा है। यह सबसॉनिक स्पीड से उड़ान भरने में सक्षम है।
रूस ने तैनात की हैं हाइपरसोनिक मिसाइलें
इससे पहले यूक्रेन संकट को लेकर अमेरिका के पोलैंड में पैराशूटधारी सैनिक तैनात करने के बाद भड़के रूस ने नाटो देशों को सबक सिखाने के लिए हाइपरसोनिक मिसाइलों से लैस अपने मिग-31 के विमानों को तैनात कर दिया था। रूस ने इन विमानों की तैनाती अपने कालिनग्राड शहर में की है जो बाल्टिक सागर के पास स्थित है और पोलैंड तथा लिथुआनिया की सीमा सटा हुआ है। रूस की ये किंझल हाइपरसोनिक मिसाइलें आवाज से 10 गुना ज्यादा स्पीड से उड़ान भरने में सक्षम हैं और परमाणु बम गिराने की ताकत रखती हैं।
रूसी हाइपरसोनिक मिसाइलों की ताकत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इनका तोड़ अभी अमेरिका समेत किसी भी नाटो देश के पास नहीं है। अमेरिका अभी हाइपरसोनिक मिसाइलों को बनाने में लगा हुआ है। जमीनी हमले करने में सक्षम किंजल हाइपरसोनिक मिसाइलों से लैस रूसी फाइटर जेट के कालिनग्राड में उतरने का वीडियो सोशल मीडिया में काफी शेयर किया जा रहा है। विशेषज्ञों के मुताबिक मिग-31 के विमानों को कालिनग्राड चाकलोवस्क नेवल बेस पर तैनात किया गया है।
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