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श्रीलंका में राष्ट्रपति के रेस से विपक्षी नेता प्रेमदास ने वापस लिया अपना नाम,अब तीन उम्मीदवारों के बीच है
Renuka Sahu
19 July 2022 5:26 AM GMT
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फाइल फोटो
श्रीलंका में जारी संकट के बीच राष्ट्रपति चुनाव का आयोजन होना है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। श्रीलंका में जारी संकट के बीच राष्ट्रपति चुनाव का आयोजन होना है। इसके लिए नामांकन करा चुके विपक्षी नेता सजीत प्रेमदास (Sajith Premadasa) ने मंगलवार को अपना नाम वापस ले लिया। ऐसा उन्होंने अपने प्रतिद्वंंदी को समर्थन देने के लिए किया है। बता दें कि श्रीलंका में 20 जुलाई को नए राष्ट्रपति के लिए चुनाव है।
संसद के अनुसार, कल होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में अब रानिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickremesinghe), डलास अलाहापेरुमा (Dullas Alahaperuma) और अनुरा कुमार दिस्सनायक उम्मीदवार हैं। प्रेमदास ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, 'अपने देश के बेहतर हालात के व यहां की जनता की खुशी के लिए, राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारों की लिस्ट से मैं अपना नाम वापस लेता हूं।' उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पार्टी डलास अलाहापेरुमा (Dullas Alahapperuma ) को विजयी बनाने के लिए पूरी मेहनत करेगी।
For the greater good of my country that I love and the people I cherish I hereby withdraw my candidacy for the position of President. @sjbsrilanka and our alliance and our opposition partners will work hard towards making @DullasOfficial victorious.
— Sajith Premadasa (@sajithpremadasa) July 19, 2022
पिछलेे सप्ताह शुक्रवार को श्रीलंका के अंतरिम राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के बाद विक्रमसिंघे ने कानून और व्यवस्था बनाए रखने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों को हिंसा और तोड़फोड़ के किसी भी कृत्य से निपटने की शक्ति और स्वतंत्रता दी गई है।
बीते शुक्रवार को राजपक्षेे ने राष्ट्रपति पद से दिया था इस्तीफा
73 वर्षीय राजपक्षे बीते बुधवार को मालदीव भाग गए थे और फिर गुरुवार को सिंगापुर पहुंचे। शुक्रवार को उन्होंने औपचारिक रूप से इस्तीफा दे दिया था। वहीं श्रीलंका में सरकार विरोधी प्रदर्शन कर रहे आंदोलनकारियों ने एलान किया है कि वे राष्ट्रपति पद को समाप्त करने समेत व्यवस्था में पूरी तरह बदलाव होने तक अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे।1948 में स्वतंत्रता के बाद से श्रीलंका अपने सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। देश एक तीव्र विदेशी मुद्रा संकट के कारण अपने आवश्यक आयात, ईंधन, भोजन और दवा के लिए भुगतान करने में असमर्थ है। जनता ईंधन, रसोई गैस के लिए लंबी कतारों में लगी है।
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