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इमरान खान के उलटफेर में उलझा विपक्ष, सुप्रीम कोर्ट में केस, अब आगे क्या होगा?
jantaserishta.com
3 April 2022 10:56 AM GMT
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इस्लामाबाद: जब भारत समेत कई देश रविवार को वीकेंड की छुट्टी मना रहे थे तो उसी समय पाकिस्तान की राजनीति में अभूतपूर्व गहमागहमी चल रही थी. नेशनल असेंबली में इमरान खान का इंतजार किया जा रहा था. लेकिन वे वहां नहीं पहुंचे. इसी बीच डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी ने पीएम इमरान के खिलाफ पेश अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया. तभी इमरान खान देश को संबोधित करने के लिए टीवी पर आए और उन्होंने कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति से सिफारिश की है कि नेशनल असेंबली को भंग कर दिया जाए और देश में फिर से चुनाव कराए जाएं. इमरान खान की सिफारिश के आधा घंटे के भीतर ही राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने संसद भंग कर दी है.
इस तरह पाकिस्तान में कई हफ्तों से चल रही राजनीतिक उथल-पुथल एक ऐसे मोड़ पर आ गई जहां से पाकिस्तान को एक बार फिर चुनाव की ओर जाना पड़ा है. इसके साथ ही इमरान खान ने भले ही अविश्वास प्रस्ताव का सामना न किया हो लेकिन बतौर पाकिस्तान पीएम कप्तान की पहली पारी का द एंड हो गया है. इसी के साथ ये धारणा एक बार फिर से पुष्ट हुई है कि पाकिस्तान में कोई भी प्रधानमंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाता है. दूसरी ओर विपक्षी सांसद सदन से निकलने को तैयार नहीं हुए उन्होंने अपना स्पीकर चुना और संसद की कार्यवाही शुरू कर दी. वहां इमरान की सिफारिश को मानते हुए राष्ट्रपति ने संसद भंग कर दी और इमरान को कार्यवाहक पीएम नियुक्त कर दिया. विपक्ष ने एक और चाल चली, अविश्वास प्रस्ताव खारिज करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी गई और सुप्रीम कोर्ट ने इस पर सुनवाई के लिए बेंच भी गठित कर दी.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ आए अविश्वास प्रस्ताव पर लगभग 40 मिनट की देरी से बहस शुरू हुई. पाकिस्तान नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शुरू होते ही इमरान सरकार के मंत्री चौधरी फवाद ने अविश्वास प्रस्ताव पर सरकार का पक्ष रखा. लेकिन डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव संविधान के अनुच्छेद 5 के खिलाफ है और इसे खारिज किया जाता है. कासिम सूरी ने कहा कि किसी भी बाहरी ताकत को पाकिस्तान में दखल देने का हक नहीं है.
बता दें कि चौधरी फवाद हुसैन ने कहा था कि अविश्वास प्रस्ताव विदेशी साजिश है. फवाद चौधरी ने कहा कि अनुच्छेद 5(1) के तहत राज्य के प्रति वफादारी प्रत्येक नागरिक का मूल कर्तव्य है. उन्होंने इमरान खान के पहले के दावों को दोहराया कि सरकार को हटाने के पीछे एक विदेशी साजिश है. पाकिस्तान के संविधान का अनुच्छेद-5 कहता है कि हर नागरिक का ये कर्तव्य है कि वो देश के प्रति वफादार होगा.
डिप्टी स्पीकर के बयान पर विपक्ष के नेता बयान दे ही रहे थे कि इमरान खान टीवी पर देश की जनता को संबोधित करने के लिए आए. बता दें कि इमरान खान का जब पाकिस्तान की संसद में इंतजार किया जा रहा था तब वो राष्ट्रपति आरिफ अल्वी के साथ चर्चा कर रहे थे. इमरान खान ने कहा कि डिप्टी स्पीकर ने शासन बदलने के प्रयास और विदेशी साजिश को खारिज कर दिया. इमरान ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति को संसद भंग करने की सिफारिश कर दी है. उन्होंने कहा कि देश की जनता को नए चुनावों के लिए तैयार रहना चाहिए
इमरान खान की सिफारिश के बाद आधे घंटे में ही राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने पाकिस्तान की नेशनल असेंबली को भंग कर दिया और नए चुनावों का रास्ता साफ कर दिया. पाकिस्तान में अब अगले 90 दिनों चुनाव होंगे, तबतक पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 224 के तहत पाकिस्तान के कार्यवाहक पीएम बने रहेंगे. इसी के साथ पाकिस्तान के कैबिनेट को भंग कर दिया गया है.
नेशनल असेंबली के अप्रत्याशित घटनाक्रम पर विपक्ष आग बबूला है. पाकिस्तान मुस्लिम लीग के नेता शाहबाज शरीफ ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट में डिप्टी स्पीकर के फैसले और प्रधानमंत्री द्वारा संसद को भंग करने की सलाह को चुनौती देने जा रहे हैं. पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के चेयरमैन बिलावल भुट्टो ने कहा कि इमरान खान ने जो किया है वह कानून के खिलाफ है. हम अपने वकीलों के पास जा रहे हैं. स्पीकर ने अलोकतांत्रिक कार्य भी किया है. इस कदम से इमरान खान ने खुद को बेनकाब किया है. जब तक यह फैसला वापस नहीं लिया जाता तब तक हम नेशनल असेंबली के अंदर मौजूद रहेंगे. वह हार देखकर अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ भाग रहे हैं.
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज की नेता मरियम औरंगजेब ने कहा कि इमरान खान गद्दार हैं. उन्होंने एक असंवैधानिक कदम उठाया है और हम अब नेशनल असेंबली में विरोध कर रहे हैं और जब तक यह फैसला रद्द नहीं हो जाता तब तक हम कहीं नहीं जाएंगे.
इस वक्त पाकिस्तान की नेशनल असेंबली के पास बेहद कड़ी सुरक्षा है. पाकिस्तान रेंजर्स और फ्रंटियर कॉर्प्स सहित पुलिस और अर्धसैनिक बलों के 6,000 से अधिक सुरक्षा कर्मियों की तैनाती संसद भवन और रेड जोन आवास के आसपास की गई है.
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