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विरोध के स्वर उठाने पर लोगों पर कड़ाई से कार्रवाई की जाती है.
चीन (China) में सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वाले लोगों के साथ क्रूर व्यवहार किया जाता है. इस बात की जानकारी दुनियाभर में है. लेकिन चीन अपने विरोधियों के साथ कुछ ऐसा करता है, जिसे जानने के बाद आपकी रूह कांप जाएगी. दरअसल, चीन में एक खास तरह की जेल मौजूद है, जिसे 'ब्लैक जेल' (Black Jail) कहा जाता है. इस जेल में से बाहर आने वाले पीटर डाहलिन ने कहा कि रात के समय 20 पुलिसकर्मी आए और मुझे ब्लैक जेल लेकर गए. डाहलिन ने कहा कि मुझे सत्ता विरोधी करार दिया गया था. उन्होंने बताया कि इस जेल में कीड़ा लगा हुआ खाना दिया जाता है. इसके अलावा, टॉर्चर किया जाता है.
द सन की रिपोर्ट के मुताबिक, महिला कैदियों के साथ और भी दुर्व्यवहार किया जाता है. एक पूर्व एक्टिविस्ट ने बताया कि उसके साथ गार्ड्स ने बदसूलकी की. वहीं, पीटर डाहलिन ने कहा कि जेल के कमरे ऐसे होते हैं कि कोई वहां पर सुसाइड नहीं कर सकता था. इसके अलावा, हर कमरे में दो चुपचाप बैठे हुए गार्ड्स होते हैं, जो आपकी हर हरकत पर नजर रखते हैं. उन्होंने कहा कि मेरी नींद पूरी नहीं हो पाती थी. यहां तक कि मुझे एक्सरसाइज नहीं करने दिया जाता था और सूरज की रोशनी तो कभी दिखाई ही नहीं देती थी. उन्होंने बताया कि रात के समय छह से 12 घंटों तक पूछताछ की जाती थी और लाई डिटेक्टर टेस्ट होता था.
छह महीने तक बाहरी दुनिया से तोड़ दिया जाता है कॉन्टैक्ट
शी जिनपिंग (Xi Jinping) के 2013 में चीन का राष्ट्रपति बनने के बाद से ही हजारों लोगों की कुछ ऐसी ही कहानी है. चीन में एक हिरासत प्रणाली लाई गई, जिसका मकसद पुलिस को किसी को भी 'गायब' करने की शक्ति देना था. दरअसल, पुलिस लोगों और विरोधियों को पकड़कर एक खुफिया ठिकाने पर ले जाती है. यहां पर गिरफ्तार व्यक्ति का बाहरी दुनिया से कॉन्टैक्ट खत्म कर दिया जाता है. इसके बाद छह महीने तक लगातार उनसे कड़ाई से पूछताछ की जाती है. अधिकारियों के पास इस बात का अधिकार होता है कि वे टॉर्चर, धमकी और दुर्व्यवहार के जरिए आरोपी के मुंह से सच निकलवाएं.
ओलंपिक से पहले विरोधी को जेल में भेजा
बीजिंग विंटर ओलंपिक (Beijing Winter Olympics) को लेकर चीन में तैयारियां अपने जोरों पर हैं और आज से इसकी शुरुआत भी हो गई है. ऐसे में चीन ने विरोध के किसी भी स्वर को कुचलने का काम किया है. विरोधियों को इस तरह की ब्लैक जेलों में भेज दिया गया है. अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि राजनीतिक बयान देने वाले विदेशी एथलीटों को भी 'सजा' दी जाएगी. दुनियाभर में मानवाधिकार का हनन करने के लिए चीन की पहचान होती है. चीन भले ही अपने आप को दुनिया में शक्तिशाली मुल्क के रूप में पेश करता है, लेकिन यहां विरोध के स्वर उठाने पर लोगों पर कड़ाई से कार्रवाई की जाती है.
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