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साथ ही उम्मीद जताई है कि बाकी मांगों को भी सरकार समझौते में दिए समय पर पूरा करेगी।।
पाकिस्तान सरकार और आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के बीच चल रही वार्ता सफलता के संकेत दे रही है। सरकार ने कहा है कि दोनों पक्ष संघर्षविराम पर सहमत हो गए हैं। टीटीपी अब देश के नागरिकों पर हमले नहीं करेगा और सरकारी सुरक्षा बल भी संगठन के खिलाफ कार्रवाई नहीं करेंगे। इससे पहले अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने कहा था कि दोनों के बीच वार्ता अगर विफल होती है तो वह टीटीपी के खिलाफ कार्रवाई करेगी।
समझौते की जानकारी देते हुए पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने कहा कि हिंसा का रास्ता छोड़कर टीटीपी पाकिस्तान के संविधान के तहत कार्य करेगा। प्रेट्र के अनुसार संघर्षविराम का समझौता एक महीने के लिए हुआ है। सूत्रों के अनुसार 15 अगस्त को तालिबान के काबुल पर कब्जे के बाद पाकिस्तान सरकार ने आतंकियों के नामों की एक सूची तालिबान नेताओं को दी थी। इस सूची में उन टीटीपी और बलूच आतंकियों के नाम थे जो अफगानिस्तान में रहकर पाकिस्तान पर हमले करते थे।
तालिबान ने पाकिस्तान सरकार को शांतिपूर्ण वार्ता का रास्ता सुझाया था। उसमें सफलता न मिलने पर सैन्य कार्रवाई का भरोसा दिया था। तालिबान की मध्यस्थता में सरकार और टीटीपी के बीच हुई वार्ता में पाकिस्तान में संघर्षविराम हो सका है। उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान में 2007 से टीटीपी लगातार हमले कर रहा था। इन हमलों में सैकड़ों लोग मारे जा चुके हैं
पाकिस्तान में इमरान खान सरकार द्वारा तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) से प्रतिबंध हटाने के बाद सोमवार को संगठन ने वजीराबाद से अपना धरना खत्म कर दिया। इससे पहले सरकार संगठन के दो हजार से ज्यादा कार्यकर्ता रिहा कर चुकी है। हजारों टीएलपी कार्यकर्ता अपने मुखिया साद रिजवी की जेल से रिहाई और फ्रांसीसी राजदूत के पाकिस्तान से निष्कासन की मांग को लेकर इस्लामाबाद के लिए रवाना हुए थे। रोके जाने पर वे वजीराबाद में सड़क पर बैठ गए थे। इससे पहले पुलिस के साथ उनके टकराव में दस पुलिसकर्मियों समेत 21 लोग मारे गए थे। इसी के बाद इमरान ने मुस्लिम विद्वानों को मध्यस्थ बनाकर टीएलपी से वार्ता शुरू की और 31 अक्टूबर को गुप्त समझौता किया। इस समझौते के चलते पहले कट्टरपंथी संगठन के कार्यकर्ता जेल से रिहा किए गए और उसके बाद टीएलपी पर से प्रतिबंध हटा लिया गया। टीएलपी ने कहा है कि अपनी आधी मांगों के माने जाने से वह राहत महसूस कर रही है और वजीराबाद से अपना धरना खत्म कर रही है। साथ ही उम्मीद जताई है कि बाकी मांगों को भी सरकार समझौते में दिए समय पर पूरा करेगी।।
Neha Dani
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