विश्व
भारत और दक्षिण कोरिया के बीच चल रही चर्चा, कोरिया में अंग्रेजी के शिक्षकों के लिए खुल सकता है अवसर
Apurva Srivastav
13 Jan 2022 4:49 PM GMT
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नियम के मुताबिक अंग्रेजी शिक्षक के रूप में काम करने के लिए ई-2 वीजा की जरूरत होती है लेकिन ई-2 वीजा सिर्फ उन देशों के अंग्रेजी शिक्षकों को जारी किया जाता है
नियम के मुताबिक अंग्रेजी शिक्षक के रूप में काम करने के लिए ई-2 वीजा की जरूरत होती है लेकिन ई-2 वीजा सिर्फ उन देशों के अंग्रेजी शिक्षकों को जारी किया जाता है जिन देशों की मूल भाषा अंग्रेजी है। इनमें अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, आस्ट्रेलिया, आयरलैंड, न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं। वहीं आवेदनकर्ता की सातवीं कक्षा तक की पढ़ाई इन देशों के स्कूल से हुई हो।
इस सप्ताह व्यापारिक वार्ता के दौरान भारत ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका की अधिकतर आबादी अफ्रीकन भाषा बोलती है लेकिन दक्षिण अफ्रीका को मूल रूप से अंग्रेजी बोलने वाले देशों में शामिल किया गया है। इस आधार पर भारत को भी मूल रूप से अंग्रेजी भाषा वाले देश में शामिल किया जा सकता है और भारतीय अंग्रेजी शिक्षकों को भी कोरिया में मौका दिया जाना चाहिए।
वहीं भारत के आईटी प्रोफेशनल्स और एकाउंटेंट के लिए भी कोरिया का बाजार खोलने की मांग की गई। भारत ने कहा कि कोरिया में आईटी प्रोफेशनल्स की मांग काफी बढ़ने वाली है और विभिन्न देशों में काम कर रही सैमसंग व कूपंग जैसी कोरियन कंपनियों में भारतीय आईटी फ्रोफशनल्स काम कर रहे हैं। ऐसे में कोरिया में भी भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स और भारतीय एकाउंटेंट को अवसर मिलना चाहिए। कोरिया ने इन सभी मुद्दों पर विचार करने का आश्वासन दिया है।
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