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एक ऐसा च्युइंग गम जो घटा सकता है कोरोना वायरस संक्रमण, जिसे चबाते ही मुंह में खत्म हो जाएगा Coronavirus

jantaserishta.com
7 Dec 2021 12:30 PM GMT
एक ऐसा च्युइंग गम जो घटा सकता है कोरोना वायरस संक्रमण, जिसे चबाते ही मुंह में खत्म हो जाएगा Coronavirus
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नई दिल्ली: कोरोनावायरस (Coronavirus) से लड़ने के लिए अभी तक वैक्सीन (Vaccine) का सराहा लिया जा रहा है. कई दवा कंपनियों ने गोलियों को भी लॉन्च किया है, जो संक्रमण से बचाव करती हैं. लेकिन जल्द ही कोरोना को हराने के लिए च्यूइंग गम (Chewing Gum) का इस्तेमाल किया जाएगा. वैज्ञानिक पौधों के जरिए तैयार किए गए प्रोटीन से लैस एक ऐसा च्यूइंग गम विकसित (Chewing gum for Covid treatment) कर रहे हैं, जो सार्स-कोवी-2 वायरस (SARS-CoV-2 virus) के लिए एक 'जाल' का काम करता है. ये कोरानावायरस संक्रमण को घटा देता है.

रिसर्चर्स ने इस बात का जिक्र किया कि जिन लोगों का वैक्सीनेशन (Vaccination) पूरा हो चुका है, वे अब भी कोरोनावायरस से संक्रमित हो सकते हैं. ये लोग बिना वैक्सीन लगवाए लोगों की ही तरह वायरस को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचा सकते थे. अमेरिका (America) स्थित पेन्सिलवेनिया यूनिवर्सिटी (University of Pennsylvania) के हेनरी डेनियल (Henry Daniell) ने बताया, सार्स-कोवी-2 लार ग्रंथी में प्रतिकृति बनाता है और हम उस वक्त इस बारे में जानते हैं जब कोई संक्रमित व्यक्ति छींकता, खांसता या बोलता है और वह दूसरों में पहुंच जाता है.
मोलेक्यूलर थेरेपी जर्नल (Molecular Therapy Journal) में प्रकाशित अध्ययन का नेतृत्व करने वाले डेनियल ने कहा, यह गम लार में वायरस को न्यूट्रल कर देता है, जो रोग के संक्रमण के स्रोत को संभावित रूप से बंद करने का एक सामान्य तरीका है. महामारी से पहले डेनियल उच्च रक्तचाप के लिए एक प्रोटीन हार्मोन का अध्ययन कर रहे थे. उन्होंने प्रयोगशाला में एसीई2 प्रोटीन और कई अन्य प्रोटीन विकसित किये, जिनमें उपचार में उपयोग लाये जाने की क्षमता है. इसके लिए उन्होंने पौधा आधारित उत्पादन प्रणाली का उपयोग किया.
रिसर्चर्स ने बताया कि एसीई2 का इंजेक्शन गंभीर संक्रमण वाले मरीजों में वायरस की संख्या को घटा सकता है. च्यूइंग गम का परीक्षण करने के लिए अनुसंधानकर्ताओं की टीम ने पौधों में एसीई2 तैयार किया, उसे अन्य यौगिक के साथ संलग्न किया ताकि वह प्रोटीन के जुड़ने में सहायक हो सके. इसके बाद पौधे की सामग्री को गम टैबलेट में तब्दील किया गया. रिसर्च टीम वर्तमान में ये मूल्यांकन करने के लिए क्लिनिकल ट्रायल करने की अनुमति हासिल करने की दिशा में काम कर रहा है.
टीम का मकसद ये पता लगाना है कि क्या सार्स-कोवी-2 से संक्रमित लोगों में परीक्षण किए जाने पर ये तरीका सुरक्षित और प्रभावी है. रिसर्चर्स ने कहा कि यदि क्लिनिकल ट्रायल साबित करते हैं कि च्यूइंग गम सुरक्षित और प्रभावी है, तो यह उन रोगियों को दिया जा सकता है जिनके संक्रमण की स्थिति अज्ञात है. इससे उनका इलाज कर रहे लोगों तक वायरस को फैलने से रोका जा सकता है.
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