विश्व

भीषण गर्मी की चपेट में अमेरिका, न्यूयार्क में एक की मौत, विशेषज्ञों ने जारी की चेतावनी

Renuka Sahu
25 July 2022 3:07 AM GMT
One died in America, New York in the grip of severe heat, experts issued a warning
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फाइल फोटो 

अमेरिका का उत्तर-पूर्वी क्षेत्र इस समय भीषण गर्मी का शिकार है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इस गर्मी को खतरनाक बताते हुए इससे कई बीमारियां पैदा होने का खतरा जताया है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अमेरिका का उत्तर-पूर्वी क्षेत्र इस समय भीषण गर्मी का शिकार है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इस गर्मी को खतरनाक बताते हुए इससे कई बीमारियां पैदा होने का खतरा जताया है। तापमान और आ‌र्द्रता बढ़ने से लोगों की मुश्किल बढ़ गई है। कई क्षेत्रों में तापमान बढ़कर 43 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। फिलाडेल्फिया में तापमान 38 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच गया है। इसके कारण कूलिंग सेंटर खोलने और स्टेशनों की एयरकंडीशनिंग करने के लिए कहा गया है।

न्यूयार्क में एक की मौत
अमेरिकी प्रशासन ने सार्वजनिक सेवा देने वाली बसों में एयरकंडीशनर चलाने के लिए कहा है। लोगों को हल्के कपड़े पहनने, ज्यादा पानी पीने, कम समय तक घर से बाहर रहने, बुजुर्ग लोगों को ज्यादा सावधानी बरतने और पालतू जानवरों के साथ भी सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। न्यूयार्क सिटी प्रशासन ने रविवार को गर्मी से एक व्यक्ति के मरने की पुष्टि की है। यहां पर तापमान रिकार्ड 36 डिग्री सेल्सियस पहुंचने की आशंका है।
पश्चिमी यूरोप में भी गर्मी से बुरा हाल
पश्चिमी यूरोप इन दिनों भीषण गर्मी का सामना कर रहा है। लगातार चल रही गर्म हवाओं (हीट वेव) के चलने के कारण ब्रिटेन उच्चतम तापमान 40 डिग्री से सेल्सियस दर्ज किया गया है। विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने भविष्य के लिए इसे खतरा बताया है। विश्व मौसम विज्ञान विभाग (डब्ल्यूएमओ) के अनुसार, पश्चिमी यूरोप में अत्यधिक गर्मी, फ्रांस और स्पेन में विनाशकारी जंगल की आग और इटली और पुर्तगाल में अभूतपूर्व सूखे का कारण बन रही है। फ्रांस, पुर्तगाल, स्पेन और ग्रीस में जंगल की आग के कारण हजारों लोगों को अपना घर छोड़कर सुरक्षित जगहों की तरफ जाना पड़ा है।
यूरोप में हीटवेव का प्रमुख कारण
विश्‍व मौसम विज्ञान संगठन के मुताबिक, यूरोप में हीटवेव ग्रीष्‍म लहर का प्रमुख कारण अफ्रीका से प्रवाह‍ित होने वाली गर्म हवाए तथा भारत, पाकिस्‍तान, मध्‍य पूर्व और आस्‍ट्रेलिया के कुछ हिस्‍सों में अत्‍यधिक गर्मी की स्थिति है। संगठन का कहना है कि वैश्विक तापमान बढ़ने से हीटवेव की समस्‍या उत्‍पन्‍न हुई है। बता दें कि वर्ष 2019 में यूरोप में इसी तर‍ह से हीटवेव की समस्‍या उत्‍पन्‍न हुई थी।
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