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उन्होंने कहा कि वित्तीय दबावों के कारण भविष्य में लोगों के बीच अशांति पैदा होगी.
पिछले दशक से दुनिया की मानवीय आबदी में पहले नंबर पर बैठे चीन (China) ने जनसंख्या पर नियंत्रण (Population Control) के लिये 'वन चाइल्ड पॉलिसी' (One Child Policy) लागू की थी. अब वह इसके दुष्परिणाम झेलने के लिये विवश है.
एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (Chinese Communist Party) अब अपने सरकारी कर्मचारियों की रिटायरमेंट की उम्र बढ़ा रही है. इनसाइड रोवर की हालिया प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार 1 मार्च से चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) ने पेंशन फंड की समस्या को हल करने के लिये देरी से रिटायरमेंट वाली नीति को लागू करना शुरू कर दिया है.
वन चाइल्ड पॉलिसी ने नष्ट किया प्राकृतिक जनसंख्या कानून
चीनी डिजिटल प्लेटफॉर्म की रिपोर्ट के अनुसार ये नीति 2013 से लंबे समय से काम कर रही थी. लेकिन श्रम बल की नाराजगी के कारण से इसमें देरी हुई. युनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी सिडनी के प्रोफेसर फेंग चोंगई ने बताया कि सीसीपी के परिवार नियोजन ने प्राकृतिक जनसंख्या कानून को नष्ट कर दिया है.
चीन में बन गई है लैंगिक असमानता की स्थिति
इस कानून की वजह से चीन में पुरुष और महिला जनसंख्या के बीच लैंगिक असमानता कि स्थिति बनी जिससे चीन को एक बढ़ती हुई वृद्ध आबादी वाले देश की तरफ ढ़केल दिया है.आर्थिक विशेषज्ञों के अनुसार देरी से रिटायरमेंट वाली नीति दर्शाती है कि वृद्धावस्था से संबंधित सामाजिक कल्याण के खर्च भारी बोझ बन गये हैं.
वित्तीय दबावों के कारण भविष्य में होगी अशांति
चोंगई ने कहा कि वित्तीय दबावों से निपटने के लिये चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय समिति के लिये रिटायरमेंट में देरी अंतिम उपाय है. उन्होंने कहा कि वित्तीय दबावों के कारण भविष्य में लोगों के बीच अशांति पैदा होगी.
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