x
इसका मकसद यह दिखाना है कि कितने बड़े पैमाने पर वीडियो कैमरे के जरिए निगरानी हो रही है। इस सिस्टम को तोड़ना भी आसान है।
अमेरिका में हैकरों के एक ग्रुप के सिलिकॉन वैली में स्थित स्टार्टअप वेरकाडा के विशाल सिक्यॉरिटी कैमरा डेटा को हैक करने का मामला सामने आया है। इस हैकिंग की वजह से अस्पतालों, कंपनियों, पुलिस विभाग, जेल और स्कूलों में लगाए गए डेढ़ लाख सिक्यॉरिटी कैमरा की लाइव फीड तक हैकरों की पहुंच हो गई। जिन कंपनियों के कैमरा डेटा लीक हुए हैं, उनमें कार बनाने वाली कंपनी टेस्ला और सॉफ्टवेयर प्रोवाइडर क्लाउड फ्लेयर शामिल हैं।
यही नहीं हैकरों की महिलाओं के अस्पताल के अंदर तस्वीरों और खुद वेरकाडा के कार्यालयों के सीसीटीवी फुटेज तक हैकरों की पहुंच हो गई। कई कैमरे चेहरे को पहचानने की तकनीक का इस्तेमाल करते हैं। इनका भी डेटा हैकरों के हाथ लगा है। हैकरों ने कहा है कि उनके पास वेरकाडा के सभी ग्राहकों के पूरे वीडियो आकॉइव तक उनकी पहुंच हो गई है।
टेस्ला के वीडियो में नजर आ रहा है कि शंघाई में कर्मचारी एक असेंबली लाइन पर काम कर रहे हैं। हैकरों ने बताया कि उन्हें टेस्ला की फैक्ट्रियों और गोदामों के 222 कैमरों तक की पहुंच मिल गई है। एक हैकर ने कहा कि कैमरे के इस डेटा पर अंतरराष्ट्रीय हैकरों के दल ने मिलकर कब्जा किया है और इसका मकसद यह दिखाना है कि कितने बड़े पैमाने पर वीडियो कैमरे के जरिए निगरानी हो रही है। इस सिस्टम को तोड़ना भी आसान है।
Next Story