पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति पहले से ही खराब है और अब इस बीच देश की इमरान खान सरकार ने यहां सरकारी नौकरी कर रहे लोगों को जोरदार झटका दिया है। इमरान खान सरकार ने करीब डेढ़ लाख कर्मचारियों को एक साथ नौकरी से हटा दिया है। स्थानीय मीडिया ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि इन सभी लोगों को पिछले 3 सालों के दौरान हटाया गया है। सोमवार को आवामी आवाज़ ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि मौजूदा पीटीआई सरकार ने तीन सालों के दौरान अपने डेढ़ लाख कर्मचारियों को नौकरी से निकाला है। आवामी आवाज़ ने अपनी रिपोर्ट के मुताबिक इससे पता चलता है कि संघीय सरकार एंटी-सिंध रवैया अपना रहा है और यहां के लोगों को आर्थिक रूप से कमजोर करने की कोशिश कर रही है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि करीब 16,000 कर्मचारियों को इस सप्ताह विभिन्न संघीय सरकारों ने नौकरी से निकाला है। इनमें से करीब 2000 सिंध प्रक्षेत्र से हैं। पाकिस्तानी कानून के मुताबिक किसी भी सरकारी कर्मचारी को नौकरी से हटाए या निकाले जाने से पहले उन्हें तीन महीने का नोटिस देना जरुरी होता है। आवामी आवाज ने देश की सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि इन कर्मचारियों को बिना किसी नोटिस के कैसे नौकरी से हटााया जा सकता है।
पाकिस्तानी की खराब अर्थव्यवस्था के कारण देश में महंगाई चरम पर है। कोरोना महामारी की वजह से यहां आम लोगों से लेकर सरकारी कर्मचारियों तक की हालत खराब हो चुकी है। पिछले ही साल अक्टूबर के महीने में खबर आई थी कि अलग-अलग सरकारी महकमें काम करने वाले हजारों कर्मचारियों ने देश में बढ़ती महंगाई को लेकर विरोध जताया था। उस वक्त प्रदर्शनकारियों ने सरकार से मांग की थी कि उनके वेतन और अन्य भत्तों को बढ़ाया जाए।