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आज ही के दिन
दुनिया के शहरों और महानगरों में सीवर लाइन को बिछाया जाता है, ताकि दूषित जलों को उनके सही जगह तक पहुंचाया जा सके. लेकिन मेक्सिको (Mexico) में हुए एक हादसे ने ये दिखाया कि सीवर लाइन का ठीक तरीके से देखभाल नहीं करने पर ये कितनी खतरनाक साबित हो सकती हैं. आज ही के दिन मेक्सिको के जलिस्को राज्य के ग्वाडलजारा शहर में एक के बाद एक सीवर लाइन में 10 धमाके (Sewer line explosion) हुए. इन धमाकों की वजह से 250 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई, जबकि 1000 से ज्यादा इमारतों को नुकसान पहुंचा.
बताया गया कि ये धमाके सीवर लाइन में बिछी गैस की पाइपों के लीक होने की वजह से हुआ. गैस लीक होने की चेतावनी को अधिकारियों और नेशनल ऑयल कंपनी ने नजरअंदाज कर दिया, जो इस हादसे की वजह बना. सीवर सिस्टम में हुए विस्फोट के बाद करीब चार घंटे तक आग लग गई और करीब आठ किलोमीटर की सड़क पूरी तरह से बर्बाद हो गई. इस हादसे में 600 से ज्यादा लोग लापता हो गए, जबकि हजारों लोग बेघर हो गए. इस हादसे ने मेक्सिको की लचर व्यवस्था को उजागर भी कर दिया.
गैस लीक की वजह से लोगों के आंखों में होने लगी जलन
धमाके से तीन दिन पहले ग्वाडलजारा शहर के निवासियों ने हवा में गैस की दुर्गंध को महसूस किया. गैस लीक होने की वजह से लोगों को आंखों और गले में जलन होने लगी. कुछ लोगों को गैस की वजह से उल्टियां होने लगी. स्थानीय लोगों ने इसकी शिकायत अधिकारियों से की. लेकिन अधिकारियों के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी और उन्होंने इस मामले की ठीक तरह से जांच नहीं की. इसके बाद जो कुछ भी हुआ, वो बेहद ही भयानक हादसे की तरह सबके सामने आया.
धमाके से हुए शहर में दो 300 फीट के गड्ढे
22 अप्रैल 1992 को सुबह 11.30 बजे शक्तिशाली धमाकों की एक श्रृंखला शुरू हो गई. ये धमाके एक मील लंबे एरिया में शुरू हुए और सीवर सिस्टम समेत जमीन के 35 फीट नीचे से ये धमाके हो रहे थे. ग्वाडलजारा के 20 ब्लॉक पूरी तरह से जमींदोज हो गए. शहर की दो जगहों पर 300 फीट के दो गड्ढे हो गए. इसके चलते इन गड्ढों के आस-पास स्थित इमारतें, सड़कें, कार और बस इसमें समा गए. मारे गए लोगों और घायल होने वाले लोगों की संख्या का रिकॉर्ड बनाने में एक सप्ताह से ज्यादा का समय लग गया. लगभग 1,500 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया और 25 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया.
…तो इस वजह से हुआ धमाका
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, इस धमाके में 252 लोगों की मौत हो गई. इस हादसे में 600 से ज्यादा लोग लापता हो गए. वहीं 500 से ज्यादा लोग धमाके के चलते घायल हो गए, जबकि 15 हजार लोग बेघर हो गए. बताया जाता है कि इस हादसे की वजह से 300 मिलियन डॉलर (लगभग 250 करोड़ रुपये) का नुकसान हुआ. एक जांच में पाया गया कि सीवर लाइन में से गंदा पानी रिसकर उसके नीचे से गुजर रहे गैस की पाइपलाइन पर गिर रहा था. इस वजह से गैस की पाइप में जंग लग गया और वह लीक करने लगी, जो बाद में विस्फोट का कारण बना.
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