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यूक्रेन के 4 राज्य कब्जाने पर UN में रूस के खिलाफ भारी बहुमत से प्रस्ताव पास, भारत ने लिया ये फैसला

Subhi
13 Oct 2022 1:40 AM GMT
यूक्रेन के 4 राज्य कब्जाने पर UN में रूस के खिलाफ भारी बहुमत से प्रस्ताव पास, भारत ने लिया ये फैसला
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पिछले 7 महीने से यूक्रेन (Ukraine) के खिलाफ जंग छेड़े हुए रूस (Russia) को संयुक्त राष्ट्र संघ में करारा झटका लगा है. यूक्रेन के 4 राज्यों को अपने में मिला लेने पर संयुक्त राष्ट्र महासभा ने भारी बहुमत से रूस के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पास किया.

पिछले 7 महीने से यूक्रेन (Ukraine) के खिलाफ जंग छेड़े हुए रूस (Russia) को संयुक्त राष्ट्र संघ में करारा झटका लगा है. यूक्रेन के 4 राज्यों को अपने में मिला लेने पर संयुक्त राष्ट्र महासभा ने भारी बहुमत से रूस के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पास किया. इस वोटिंग में 143 देशों ने रूस के खिलाफ वोट दिया, जबकि 5 उसके फेवर में रहे. वहीं 35 देश मतदान से गैर-हाजिर रहे. संयुक्त राष्ट्र महासभा में कुल 193 सदस्य देश हैं. इस प्रस्ताव को यूक्रेन के लिए दुनिया के अधिकतर देशों का बड़ा सपोर्ट माना जा रहा है.

भारत ने वोटिंग पर लिया ये फैसला

बुधवार रात हुई इस वोटिंग की खास बात रही कि रूस (Russia) के मित्र समझे जाने वाले सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, ब्राजील और खाड़ी के अन्य देशों ने रूस के खिलाफ वोट दिया. जबकि रूस के पक्ष में केवल उत्तर कोरिया, बेलारूस, सीरिया और निकारागुआ ही उतर पाए. एक वोट रूस ने खुद भी प्रस्ताव के खिलाफ डाला. भारत, चीन, पाकिस्तान, दक्षिण अफ्रीका, क्यूबा समेत 35 देश इस मतदान से गैर-हाजिर रहे.

अपने 4 राज्य और गंवा चुका है यूक्रेन

प्रस्ताव में कहा गया है कि रूस यूक्रेन (Ukraine) के अंदर से अपनी फौजों को बिना शर्त वापस बुलाए और उन्हें अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त सीमा के अंदर रखे. पास हुए प्रस्ताव में कहा गया है कि यूक्रेन पर हमला तुरंत बंद किया जाए और विवाद का आपसी बातचीत के जरिए समाधान निकाला जाए. वह समाधान ऐसा हो, जिससे यूक्रेन की संप्रभुता और अखंडता भी प्रभावित न हो.

बताते चलें कि रूस (Russia) ने पिछले महीने यूक्रेन के दोनेत्सक, लुहान्सक, खेरसोन और जपोरझिया प्रांत में जनमत संग्रह करवाकर उन चारों राज्यों को अपने में मिलाने की घोषणा कर दी थी. इसके साथ ही रूस ने कहा था कि वे चारों प्रांत अब रूस का हिस्सा हैं और अगर किसी ने वहां पर हमला करने की कोशिश की तो उसे रूस पर हमला मानकर जवाबी कार्रवाई की जाएगी. पहले क्रीमिया और अब पूर्व के चार राज्य गंवाने के बाद यूक्रेन ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस मामले में कार्रवाई की गुहार लगाई थी.

रूस के खिलाफ पहले भी पास हो चुके हैं प्रस्ताव

रूस (Russia) के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र महासभा में पास हुआ यह कोई पहला प्रस्ताव नहीं है. इससे पहले महासभा ने 2 मार्च को रूस के खिलाफ 141-5 के विशाल बहुमत से प्रस्ताव पास किया था. उस मतदान में भी भारत समेत 35 देश गैह-हाजिर रहे थे. इसके बाद 24 मार्च को 140-8 के बहुमत से रूस के खिलाफ प्रस्ताव पास किया गया, जबकि 38 देशों में वोटिंग से दूरी बनाई. इसके बाद 7 अप्रैल को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने 93-24 के बहुमत से रूस के खिलाफ प्रस्ताव पास करके वार क्राइम पर रोक लगाने की मांग की, जबकि 58 देश इस प्रस्ताव से गैर-हाजिर रहे.

संयुक्त राष्ट्र महासभा के पास कानूनी शक्ति नहीं

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की तरह संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के पास कोई कानूनी शक्ति नहीं है, जिससे वह संबंधित देश के खिलाफ कोई कार्रवाई कर सके. हालांकि इसमें कोई प्रस्ताव पास होने पर उससे दुनियाभर के देशों के मूड का अंदाजा जरूर लग जाता है. राजनयिक सूत्रों का कहना है कि चूंकि इस प्रस्ताव के पास होने से रूस का कुछ बिगड़ने वाला नहीं है. इसलिए माना जा रहा है कि रूस बिना किसी की परवाह किए यूक्रेन (Ukraine) के खिलाफ आगे भी कार्रवाई करता रहेगा.


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