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Omicron BIG BREAKING: ओमिक्रोन वेरिएंट से पहले मरीज की मौत
jantaserishta.com
13 Dec 2021 12:04 PM GMT
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First Omicron Death: कोरोना के ओमिक्रोन वेरिएंट से संक्रमित एक मरीज की आज ब्रिटेन में मौत हो गई। इस वेरिएंट से मौत का यह दुनिया में पहला मामला है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) ने इसकी पुष्टि की है।
भारत में तेजी से फैलेगा ओमीक्रोन: एक्सपर्ट
ओमीक्रोन वेरिएंट लेकर दक्षिण अफ्रीका एक्सपर्ट की भविष्यवाणी चिंताजनक है। SACEMA की निदेशक जूलियट पुलियम के अनुसार, भारत में ओमीक्रोन काफी तेजी से फैलेगा। उन्होंने 'द इकॉनमिक टाइम्स' से खास बातचीत में कहा कि बुरे से बुरे हालात की तैयारी रखना समझदारी होगी। जूलियट के अनुसार, आमीक्रोन वायरस लोगों को पिछले वेरिएंट्स के मुकाबले कहीं ज्यादा तेजी से संक्रमित कर रहा है। शुरुआती रिपोर्ट्स बताती हैं कि वैक्सीन ब्रेकथ्रू इन्फेक्शंस में भी इसकी वजह से इजाफा हुआ है।
जूलियट के मुताबिक, 'दक्षिण अफ्रीका में जो देखा गया है, वही अब दुनिया के बाकी हिस्सों में देखने को मिल रहा है। मुझे लगता है कि भारत में वेरिएंट काफी तेजी से फैलेगा।' उन्होंने कहा कि 'मुझे लगता है कि पहले संक्रमित हुए और वैक्सीनेटेड लोगों में यह कमजोर होगा। हालांकि बिना किसी तरह की इम्युनिटी वाले लोगों को ओमीक्रोन पहले के वेरिएंट्स की तरह बीमारी दे सकता है।' जूलियट के अनुसार, यूके में इस बात के शुरुआती सबूत मिले हैं कि mRNA वैक्सीन (फाइजर) के बूस्टर्स से इस वेरिएंट के प्रति थोड़ी सुरक्षा मिलती है।
दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं, जिसके बाद उनका उपचार किया जा रहा है। उनमें संक्रमण के हल्के लक्षण हैं। उनके कार्यालय ने रविवार को यह जानकारी दी। राष्ट्रपति रामफोसा ऐसे दिन संक्रमित पाए गए हैं, जब देश में संक्रमण के रेकॉर्ड 37,875 नए मामले सामने आए हैं, जबकि एक दिन पहले मामलों की संख्या 17,154 थी। मंत्री मोंडली गुंगुबेले ने एक बयान में कहा कि दिन में पूर्व उप राष्ट्रपति एफडब्ल्यू डे क्लार्क के सम्मान में आयोजित एक कार्यक्रम से बाहर निकलने के बाद राष्ट्रपति रामफोसा अस्वस्थ महसूस करने लगे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ठीक हैं और दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रीय रक्षा बल का दक्षिण अफ्रीकी स्वास्थ्य सेवा उनके स्वास्थ्य पर नजर बनाए हुए है।
देश के नामी वायरलॉजिस्ट्स का मानना है कि सरकार को अब बूस्टर डोज रोलआउट में देर नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हरसंभव कोशिश करके फुल वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ाई जानी चाहिए। वेल्लोर के डॉ जैकब जॉन ने 'टाइम्स ऑफ इंडिया' से बातचीत में कहा कि सरकार के लिए ऐक्शन लेने का यही समय है। उन्होंने कहा, 'दो डोज से इम्युन सिस्टम की प्राइमिंग होती है और छह महीनों में असर कम होने लगता है।'
डॉ जॉन की बात से INSACOG के पूर्व प्रममुख डॉ शाहिद जमील भी सहमत दिखे। उन्होंने इम्युनोकॉम्प्रोमाइज्ड लोगों के संदर्भ में कहा, 'अगर उन्हें दो डोज मिल चुकी हैं तो तीसरी डोज जरूर लगनी चाहिए।' हालांकि उन्होंने कहा कि तीसरी डोज भी उसी वैक्सीन की होगी तो शायद ज्यादा फायदा न हो।
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