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शुरुआती डाटा से यह सामने आया है कि पिछली लहर से यह नए वेरिएंट से कुछ कम बीमारियां हो सकती हैं.
ब्रिटेन में कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. वहां एक दिन में कोरोना संक्रमण के 249 नए मामले सामने आए. इसके साथ ही देश में कोविड-19 के ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omicron variant) के मामले एक दिन में दोगुने हो गए हैं. अब यहां इस वेरिएंट के कुल 817 केस हो चुके हैं.
50% केसों की वजह बनेगा ओमिक्रॉन
ब्रिटेन की हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी ने कहा है कि अगर पिछले दो हफ्तों की तरह ही कोरोना केसों का ग्रोथ रेट और डबलिंग टाइम बना रहा, तो अगले दो या चार हफ्तों में कोरोना के 50% केस ओमिक्रॉन की वजह से होंगे. आपको बता दें कि कुछ दिनों पहले ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) ने कहा था कि ओमिक्रॉन का डबलिंग रेट दो या तीन दिन हो सकता है. इसके साथ ही उन्होंने सभी को मास्क अनिवार्य किया था. साथ ही वर्क फ्रॉम होम (WFH) और वेन्यू पर एंट्री के लिए कोरोना वैक्सीन सर्टिफिकेट (Corona Vaccine Certificate) भी अनिवार्य किया था.
बहुत तेजी से लोगों को संक्रमित कर सकता है ओमिक्रॉन
शुरुआती विश्लेषण से पता चलता है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट बहुत तेजी से लोगों को संक्रमित कर सकता है. इसके अलावा ओमिक्रॉन के लक्षण भी पहले के वेरिएंट से थोड़ा अलग है. साथ ही यह भी सामने आया है कि वेरिएंट के चलते वैक्सीन की दोनों डोज और नेचुरल इम्युनिटी भी कम हो रही है. ऐसे में यह जरूरी है कि हम सबको वह सबकुछ करना पड़ेगा, जो संक्रमण की चैन को तोड़ सके और नए वेरिएंट के फैलाव को कम कर सके. इस पूरे मामले पर एक्सपर्ट्स का कहना है कि ओमिक्रॉन हमारे लिए चिंता की बात जरूर है लेकिन हम इसे लेकर जितना सतर्क रहेंगे, इस नए वेरिएंट से उतना ही बच सकेंगे.
वैक्सीनेशन ही है सबसे कारगर हथियार
उन्होंने कहा, नए वेरिएंट से बचाव के लिए वैक्सीनेशन काफी जरूरी है. इसलिए अपनी पहली, दूसरी और बूस्टर डोज को बिना किसी देरी के लगवाएं. हालांकि, एजेंसी ने कहा, अभी यह पता लगाने के लिए काफी कम डाटा उपलब्ध है कि यह पता लगाए जा सके कि वैक्सीन का इस वेरिएंट पर कितना असर पड़ रहा है. साथ ही दोबारा संक्रमित होने के चांज का पता चल सके. हालांकि, दक्षिण अफ्रीका और यूके में पहले हुए एनालिसिस में यह बात सामने आई थी कि इंफेक्शन के खिलाफ कुछ इम्युनिटी कम हुई है. इससे जुड़ी स्टडी के शुरुआती डाटा से यह सामने आया है कि पिछली लहर से यह नए वेरिएंट से कुछ कम बीमारियां हो सकती हैं.
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