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ओबामा प्रशासन ने बगैर दस्तावेज के योजना बनाई थी
अमेरिका के टेक्सास प्रांत के एक संघीय जज ने उस आव्रजन कार्यक्रम को अवैध ठहरा दिया है, जो बिना दस्तावेज वाले लाखों लोगों को प्रत्यर्पण से सुरक्षा मुहैया कराता है। इस कदम से भारतीयों समेत छह लाख लोगों पर प्रत्यर्पण की तलवार लटक गई है। यह कार्यक्रम ओबामा काल में लागू किया गया था।
ओबामा प्रशासन ने बगैर दस्तावेज के नाबालिगों के लिए योजना बनाई थी
वर्ष 2012 में तत्कालीन बराक ओबामा प्रशासन ने बगैर दस्तावेज आए नाबालिगों के लिए डेफर्ड एक्शन फार चाइल्डहुड एराइवल्स (डीएसीए) योजना बनाई थी। इस योजना में बिना दस्तावेज के देश में आने वाले बच्चों को रहने का अधिकार दिया गया था।
बच्चे बड़े होने के बाद अब यूएस नागरिकता को लेकर सपने संजोने लगे
अमेरिकी प्रशासन के इस कार्यक्रम के कारण हजारों भारतीय सहित छह लाख बच्चे निर्वासित होने से बच गए थे। इतने वर्षों से रहने वाले ये बच्चे बड़े होने के बाद अब यहां की नागरिकता को लेकर सपने संजोने लगे हैं।
ह्यूस्टन की जिला अदालत के जज एंड्रयू हनेन ने शुक्रवार को कहा कि यह कार्यक्रम बनाने में तत्कालीन राष्ट्रपति ओबामा अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर चले गए थे। हालांकि उन्होंने कहा कि कार्यक्रम के लाभार्थियों पर फैसले का तत्काल प्रभाव नहीं पड़ेगा। टेक्सास और छह अन्य रिपब्लिकन नेतृत्व वाले राज्यों की अर्जी पर जज ने यह फैसला सुनाया। अदालत ने नए आवेदनों पर भी रोक लगा दी है।
जज ने कहा- आव्रजन नियमों पर बाइडन प्रशासन ने भी अपनी सीमा को किया पार
जज ने अपने निर्णय में कहा है कि इस कार्यक्रम को मंजूरी देने में बाइडन प्रशासन ने भी अपनी सीमा को पार किया है। अदालत ने तर्क दिया कि जब डीएसीए योजना को सीनेट ने अनुमति दी ही नहीं तो गृह सुरक्षा विभाग के अधिकारी आव्रजन नियमों और राष्ट्रीयता के अधिकार को कैसे दरकिनार कर सकते हैं।
भारतीयों सहित छह लाख बिना दस्तावेज वाले लोगों पर लटकी प्रत्यर्पण की तलवार
समाचार एजेंसी प्रेट्र के अनुसार, इस फैसले से बगैर दस्तावेज के अमेरिका में प्रवेश करने वाले वाले छह लाख लोगों के लिए बड़ा संकट खड़ा हो गया है। बाइडन प्रशासन द्वारा प्रवासियों के लिए किए जा रहे कार्यों को भी गहरा झटका लगा है।
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