विश्व

न्‍यूक्लियर प्रोग्राम चीफ ने ईरान के नतांजे अंडरग्राउंड परमाणु साइट पर हुए ब्‍लैक आउट की समस्‍या को बताया आतंकी घटना

Neha Dani
12 April 2021 3:52 AM GMT
न्‍यूक्लियर प्रोग्राम चीफ ने ईरान के नतांजे अंडरग्राउंड परमाणु साइट पर हुए ब्‍लैक आउट की समस्‍या को बताया आतंकी घटना
x
राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने इस संधि से खुद को अलग कर दिया था।

ईरान के नतांजे स्थित अंडरग्राउंड न्‍यूक्लियर फेसेलिटी साइट पर रविवार को हुए ब्‍लैक आउट की समस्‍या आने को न्‍यूक्लियर प्रोग्राम चीफ अली अकबर सालेही ने आतंकी घटना करार दिया है। उन्‍होंने स्‍टेट टीवी पर इसकी जानकारी देते हुए ये बयान दिया है। हालांकि उन्‍होंने इसके लिए किसी तरह के संदिग्‍ध का नाम उजागर नहीं किया है। हालांकि इस हादसे में किसी तरह की कोई जान-माल की हानि नहीं हुई थी और न ही कोई परमाणु लीकेज हुआ था। माना जा रहा है कि सालेह के इस बयान से पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ सकता है।गौरतलब है कि नतांज परमाणु संयंत्र में रविवार को अचानक बिजली आपूर्ति ठप हो गई थी। ये समस्‍या यूरेनियम के अधिक तेजी से संवर्धन करने वाली सेंटरफ्यूज सुविधा शुरू किए जाने के एक दिन बात आई थी।

ईरान का ये परमाणु केंद्र एक रेगिस्‍तानी और पहाड़ी इलाकों के बीच में बना हुआ है। यूएन न्‍यक्यिलर वाचडॉग के अनुसार ये ईरान के यूरेनियम संवर्धन कार्यक्रम का प्रमुख केंद्र है जो अंतरराष्‍ट्रीय परमाणु एजेंसी के अंतर्गत काम करता है और इस एजेंसी के अधिकारी इस पर निगाह रखते हैं। रविवार को हुए ब्‍लैक आउट के बाद इसकी जांच भी तत्‍काल प्रभाव से शुरू कर दी गई है।
नांतेज साइट पर आई समस्‍या कोई पहली बार नहीं हुई है बल्कि इससे पहले भी कई बार इस तरह की दिक्‍कत यहां पर आ चुकी हैं। जुलाई 2020 में इस परमाणु साइट पर आग लग गई थी। उस वक्‍त भी ईरान ने इसको एक सोची समझी साजिश बताया था। ईरान का कहना था कि ईरान के इस सेंटर को तबाह कर कुछ देश उसके परमाणु कार्यक्रम को रोकना चाहते हैं। इससे पहले वर्ष 2010 में यहां के सिस्‍टम में आए वायरस अटैक को भी ईरान ने एक साजिश करार दिया था। माना जाता है कि इसमें अमेरिका और इजरायल की मिलीभगत थी।
आपको बता दें कि अमेरिका और ईरान के बीच काफी समय से संबंध तनाव पूर्ण रहे हैं। वर्ष 2015 में अमेरिका के तत्‍कालीन बराक ओबामा प्रशासन ने ईरान से एक परमाणु संधि साइन की थी जिसको एतिहासिक बताया गया था। इस संधि में इन दोनों देशों के अलावा संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद के स्‍थायी सदस्‍य और यूरोपीयन यूनियन भी शामिल हुआ था। अमेरिका में सत्‍ता हस्‍तांतरण होने के बाद वर्ष 2018 में तत्‍कालीन राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने इस संधि से खुद को अलग कर दिया था।



Next Story