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इंटरपोल ने उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के मूल निवासी गुप्ता बंधुओं के खिलाफ जारी किया रेड कार्नर नोटिस

Neha Dani
7 July 2021 6:00 AM GMT
इंटरपोल ने उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के मूल निवासी गुप्ता बंधुओं के खिलाफ जारी किया रेड कार्नर नोटिस
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तमाम कथित घोटाले सामने आने पर उन्हें दक्षिण अफ्रीका से फरार होना पड़ा था।

इंटरपोल ने उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के मूल निवासी गुप्ता बंधुओं में से दो के खिलाफ रेड कार्नर नोटिस जारी कर दिया है। इसके साथ ही एक समय दक्षिण अफ्रीका के दिग्गज कारोबारियों में शुमार रहे गुप्ता बंधु अधिकृत तौर पर वांछित भगोड़े घोषित कर दिए गए हैं।

दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रीय अभियोजन प्राधिकरण के जांच निदेशालय प्रमुख हरमाएने क्रोनए ने बताया कि तीन भाइयों में से जिन दो अतुल व राजेश गुप्ता के खिलाफ नोटिस जारी किया गया है, वे दक्षिण अफ्रीका में सरकारी संस्थाओं की तरफ से अपने खिलाफ 2.5 करोड़ रैंड (करीब 12.97 करोड़ रुपये) के एस्टिना डेयरी घोटाले की जांच शुरू होने के बाद परिवार समेत फरार हो गए थे।

क्रोनए के मुताबिक, इस कदम से अभियोजन को अतुल और राजेश को उनके बड़े भाई अजय समेत दक्षिण अफ्रीका लाने में मदद मिलेगी ताकि वे धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अपनी कथित भूमिका के लिए मुकदमे का सामना कर सकें।
पत्नियां और कई सहयोगी भी सूची में
क्रोनए के मुताबिक, गुप्ता बंधुओं की पत्नियां और कई अन्य सहयोगी भी इंटरपोल की सूची में हैं। इंटरपोल की तरफ से अतुल गुप्ता और उसकी पत्नी चेताली, राजेश गुप्ता और उसकी पत्नी आरती, अंकित जैन, रविंद्रनाथ, रमेश भट्ट, जगदीश पारेख के खिलाफ रेड नोटिस जारी किया है।
क्या होता है रेड नोटिस
रेड कार्नर नोटिस का मतलब इंटरपोल के सभी सदस्य देशों के लिए ये अलर्ट होता है कि संबंधित व्यक्ति एक वांछित भगोड़ा है, लेकिन यह एक गिरफ्तारी वारंट के बराबर नहीं होता है। हालांकि इससे संबंधित देश को अपने वांछित अपराधी को दूसरे देश से प्रत्यर्पण के मामले को मजबूती से रखने में मदद मिलती है।
जूता कारोबारी से अरबों के मालिक
गुप्ता परिवार 1990 के दशक में नेल्सन मंडेला कि रिहाई के साथ दक्षिण अफ्रीका में शुरू हुए लोकतंत्र के नए दौर के दौरान सहारनपुर से यहां पहुंचा था। एक जूता स्टोर शुरू करने के बाद उन्होंने वहां के राजनीतिक दलों में घुसपैठ बनाकर सूचना तकनीक, खनन और मीडिया के क्षेत्र में अपना विशाल साम्राज्य कायम कर लिया था। लेकिन पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा के खिलाफ शुरू हुई जांच के दौरान उनके भी तमाम कथित घोटाले सामने आने पर उन्हें दक्षिण अफ्रीका से फरार होना पड़ा था।


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