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अब पता चलेगा कितना अमीर है सऊदी अरब, कर्ज और कमाई का होगा हिसाब

Gulabi
24 Feb 2021 11:11 AM GMT
अब पता चलेगा कितना अमीर है सऊदी अरब, कर्ज और कमाई का होगा हिसाब
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खाड़ी क्षेत्र का अहम देश सऊदी अरब अब अपनी बैलेंस शीट तैयार कर रहा है.

खाड़ी क्षेत्र का अहम देश सऊदी अरब अब अपनी बैलेंस शीट तैयार कर रहा है. सऊदी अरब अब अपने पास मौजूद संपत्तियों और ऋण का हिसाब लगा रहा है. वैसे भी सऊदी अरब की अर्थव्‍यवस्‍था का एक बड़ा हिस्‍सा तेल पर निर्भर है. इस देश ने अब फैसला किया है कि जो बैलेंस शीट तैयार होगी उसमें उन सामानों को भी शामिल किया जाएगा जिसे अभी तक बाहर रखा गया है.


इसमें निवेश और शक्तिशाली सॉवेरियन फंड के कर्ज भी शामिल होंगे. वित्‍त मंत्रालय की तरफ से इस बारे में विस्‍तार से जानकारी दी गई है. वित्‍त मंत्रालय ने बताया है कि इस कार्यक्रम का मुख्‍य उद्देश्‍य है कि सरकार की बैलेंस शीट की आर्थिक क्षमता को परखा जा सके.

MBS लेकर आए थे PIF
सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्‍मद बिन सलमान (एमबीएस) ने पब्लिक इनवेस्‍टमेंट फंड (पीआईएफ) को इसके लिए निर्धारित किया है. इसके अलावा सऊदी अरब के मुख्‍य सॉवेरियन वेल्‍थ फंड को भी रख दिया गया है. सऊदी अरब दुनिया का टॉप ऑयल एक्‍सपोर्टर है.

एमबीएस के नेतृत्‍व में पीआईएफ को एक सुस्‍त सॉवेरियन वेल्‍थ फंड से एक ग्‍लोबल निवेश के माध्यम में बदल दिया गया है. इसकी वजह से कई हाई-टेक कंपनियों जैसे उबर पर कई बिलियन डॉलर खर्च कर दिए गए हैं. इसके अलावा जापान की कंपनी सॉफ्टबैंक की तरफ से कई बिलियन डॉलर के फंड का निवेश किया गया है.

माली हालत के बारे में कुछ नहीं बताता
सऊदी अरब कभी भी अपनी माली हालत के बारे में कोई आंकड़ा जारी नहीं करता और न ही इसके बजट में इसकी कोई जानकारी दी जाती है. देश का बजट सार्वजनिक तौर पर उपलब्‍ध है. खाड़ी के कई देश अपने बजट के बारे में कोई भी जानकारी नहीं देते हैं.

न ही इनके कर्ज और संपत्तियों के बारे में किसी को कोई खबर नहीं रहती है. सऊदी अरब के पीआईएफ निवेश को एक रिस्‍की प्रोफाइल माना जाता है और इसकी अस्‍पष्‍टता ने कुछ निवेशकों के लिए परेशानियां बढ़ा दी हैं.

फिच के सॉवेरियन टीम के डायरेक्‍टर किरीजाइनस क्रुस्‍टीन्‍स ने बताया कि किसी भी संपत्ति का लिक्विवड संपत्ति जैसे सेंट्रल बैंक रिजर्व्‍स से पीआईएफ से कम लिक्विड निवेश में ट्रांसफर करना पूरी तरह से खतरे को बढ़ा देता है. हालांकि सऊदी अरब की सरकारी मीडिया की तरफ से इस पर कुछ भी नहीं कहा गया है.

दो वर्षों में आया कितना निवेश
सऊदी अरब की सरकार ने पिछले वर्ष के सेकेंड हाफ से सॉवेरियन एसेट एंड लाइबिलिटी मैनेजमेंट (SALM) पर काम करना शुरू किया था. सरकार की तरफ से तब कहा गया था कि यह एक लंबे समय तक चलने वाला प्रोजेक्‍ट है जिसमें अभी तक कोई भी फैसला नहीं किया गया कि कब तक और कैसे इसके नतीजों के बारे में बताया जाएगा. सरकार के प्रवक्‍ता के मुताबिक यह देश के लिए एक बेंचमार्क होगा जिसमें यह देखा जाएगा कि देशों ने पिछले करीब दो वर्षों में किस तरह से निवेश किया है.

अरामको को मिला कितना
सऊदी अरब अरामको तेल उत्‍पादन के क्षेत्र में दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी है. साल 2015 में 150 बिलियन डॉलर के मुकाबले 2020 में इसकी कुल परिसंपत्ति 400 बिलियन डॉलर हो गई. सऊदी की सरकारी तेल कंपनी अरामको की तरफ से ही इसमें 70 बिलियन डॉलर लगाए गए.

साथ ही सेंट्रल बैंक ने 40 बिलियन डॉलर का निवेश किया. साल 2018 और 2019 में 21 बिलियन डॉलर का फंड आया. जबकि इसके नए सेंटर पर 10 बिलियन डॉलर का फंड आने की उम्‍मीद है.

सऊदी अरब को अपने बजट रेवेन्‍यू का 87 प्रतिशत पेट्रोलियम सेक्‍टर से मिलता है, 90 प्रतिशत तेल निर्यात से मिलता है और ये इसकी 42 प्रतिशत जीडीपी का हिस्‍सा है. सऊदी अरब को तेल भंडार और उत्‍पादन अरामको करती है.

देश में बेरोजगारी 15.4 फीसदी पर पहुंची
सऊदी अरब की तेल संपत्ति यहां की युवा आबादी के बीच बड़ी संख्या में रोजगार पैदा कर रही है. लेकिन इसके साथ ही यह सबसे बड़ी चुनौती भी बन गई है. सऊदी अरब की सरकार साल 2016 से ही लाखों नौकरियां पैदा कर रही है.

सरकार की योजना साल 2030 तक बेरोजगारी को 7 फीसदी पर लाने की है. लेकिन राजकोषीय घाटे ने निवेश पर असर डाला है. पिछले साल कोरोना वायरस के असर ने बेरोजगारी को 15.4 फीसदी पर ला दिया.
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