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अब इस देश में वैक्सीन लेने के बाद खून के थक्के जमने से तीन लोगों ने गंवाई जान

Gulabi
21 April 2021 3:59 PM GMT
अब इस देश में वैक्सीन लेने के बाद खून के थक्के जमने से तीन लोगों ने गंवाई जान
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कोरोना वायरस की वैक्सीन की वजह से ब्लड क्लॉट होने और उसकी वजह से मौत के मामले लगातार सामने आ रहे हैं

कोरोना वायरस की वैक्सीन की वजह से ब्लड क्लॉट होने और उसकी वजह से मौत के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोप के बाद अब श्रीलंका में कम से कम तीन लोगों की मौत खून के थक्के जमने की वजह से हो गई. इन लोगों ने ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन लगवाई थी. (AstraZeneca Vaccine Blood Clots: 3 died in Sri Lanka of blood clots after covid-19 vaccine)


श्रीलंका की स्वास्थ्य मंत्री ने बुधवार को संसद को बताया कि कोविड-19 के खिलाफ ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका का टीका लेने के बाद खून का थक्का जमने से कम के कम तीन श्रीलंकाई नागरिकों की मौत हो गई. संसद में विपक्ष के एक सवाल का जवाब देते हुए पवित्रा वान्नियाराच्ची ने कहा कि टीकाकरण के बाद कम से कम छह लोगों ने खून का थक्का जमने की शिकायत की.

स्वास्थ्य मंत्री खुद लगवा चुके वैक्सीन
स्वास्थ्य मंत्री वान्नियाराच्ची खुद यह वैक्सीन लगवा चुकी हैं. हालांकि उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को उद्धृत करते हुए कहा कि खून का थक्का जमने की वजह टीका नहीं है. WHO ने इस महीने के शुरू में कहा था कि वैश्विक स्तर पर टीका लगवा चुके करीब 20 करोड़ लोगों के आधार पर ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी-एस्ट्राजेनेका कोरोनावायरस टीके और थक्कों के बीच संबंध 'मुमकिन' है लेकिन 'बेहद दुर्लभ'. भारत सरकार से मुफ्त में उपहारस्वरूप मिले टीकों की खेप के बाद श्रीलंका ने 29 जनवरी को टीकाकरण कार्यक्रम शुरू किया था. देश की 2.1 करोड़ आबादी में से अब तक करीब 9,25,000 लोगों को टीका लग चुका है.

ब्रिटेन में सात लोगों की मौत
ब्रिटेन में भी एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन लगवाने की वजह से खून के थक्के जमने के मामले सामने आ चुके हैं. पिछले महीने ब्लड क्लॉट के करीब 30 मामले आए. इनमें से सात लोगों की मौत हो गई. यूरोपीय संघ ने इस वैक्सीन के इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी. ब्रिटेन में भी इसे लेकर एहतियात बरतने को कहा गया था. नीदरलैंड्स में भी महिलाओं समेत पांच लोगों में खून के थक्के जमने के केस आए थे. इसके बाद इस वैक्सीन पर रोक लगा दी गई थी. जर्मनी में इसका वैक्सीनेशन रोक दिया गया था.


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