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देश में अफरातफरी का माहौल बना हुआ है। नागरिक बड़ी संख्या में देश छोड़कर भाग रहे हैं।
अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद स्थिति काफी गंभीर हो गई है। पूरी दुनिया में तालिबान द्वारा किए जा रहे उत्पीड़न और हमले की निंदा हो रही है। इसी बीच विश्व बैंक ने भी इसे लेकर गंभीर चिंता जताई है।
एएफपी समाचार एजेंसी एक अधिकारी के हवाले से कहा कि विश्व बैंक ने अफगानिस्तान को आर्थिक सहायता रोक दी है। विश्व बैंक अफगानिस्तान की स्थिति को लेकर गंभीर रूप से चिंतित है।
World Bank 'deeply concerned,' pauses aid to Afghanistan: AFP news agency quoting an official
— ANI (@ANI) August 24, 2021
इससे पहले अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) भी अफगानिस्तान को सहायता रोक चुका है। 19 अगस्त को आईएमएफ ने कहा था कि अफगानिस्तान अब आईएमएफ संसाधनों का उपयोग नहीं कर पाएगा। उसे किसी तरह की नई मदद भी नहीं मिलेगी।
बता दें कि इससे पहले अमेरिका भी सख्त फैसला ले चुका है। अफगानिस्तान में तालिबान कब्जे के बाद से अमेरिका तालिबान के हाथों से नकदी दूर रखने के कदम उठा रहा है। इसी कड़ी में अमेरिका ने अफगानिस्तान के सेंट्रल बैंक की करीब 9.5 अरब डॉलर यानी 706 अरब रुपये से ज्यादा की संपत्ति फ्रीज कर दी थी। इतना ही नहीं देश के पैसे तालिबान के हाथ न चले जाएं, इसके लिए अमेरिका ने अफगानिस्तान को कैश (नकद) आपूर्ति भी रोक दी।
अमेरिकी वित्त मंत्रालय ने फेडरल रिजर्व और अन्य अमेरिकी बैंकों द्वारा प्रतिबंधित नकद भंडार को तालिबान के हाथों जाने से रोकने के लिए ये कदम उठाए थे।
बाइडन प्रशासन के एक अधिकारी ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि अमेरिका में अफगान सरकार के सेंट्रल बैंक की कोई भी संपत्ति तालिबान के लिए उपलब्ध नहीं होगी और यह संपत्ति वित्त मंत्रालय की प्रतिबंधित सूची में रहेगी।
हाल ही में तालिबान दोबारा अफगानिस्तान पर कब्जा जमा लिया है और राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़कर भाग चुके हैं।देश में अफरातफरी का माहौल बना हुआ है। नागरिक बड़ी संख्या में देश छोड़कर भाग रहे हैं।

Rounak Dey
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