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अब नीदरलैंड में मिला कोरोना का सबसे अधिक संक्रामक वेरिएंट 'सेंटॉरस'

Subhi
14 July 2022 2:18 AM GMT
अब नीदरलैंड में मिला कोरोना का सबसे अधिक संक्रामक वेरिएंट सेंटॉरस
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कोरोना के केस बेशक दुनियाभर में अब कम होने लगे हैं, लेकिन इसका खतरा अभी खत्म होता नहीं दिख रहा है. समय-समय पर इसके नए वेरिएंट अलग-अलग देशों में मिल रहे हैं

कोरोना के केस बेशक दुनियाभर में अब कम होने लगे हैं, लेकिन इसका खतरा अभी खत्म होता नहीं दिख रहा है. समय-समय पर इसके नए वेरिएंट अलग-अलग देशों में मिल रहे हैं और लोगों की चिंताएं बढ़ा रहे हैं. नीदरलैंड ने बुधवार को बताया कि उसके यहां कोरोना ओमिक्रॉन सबवेरिएंट बीए.2.75 का एक केस मिला है. इस वेरिएंट के मरीज वाला अब वह नवीनतम देश बन गया है. एक्सपर्ट ने इस वायरस के तेजी से फैलने को लेकर चिंता व्यक्त की है.

10 देशों में मिल चुके हैं इसके मरीज

बताया जा रहा है कि 'सेंटॉरस' उपनाम वाला यह सबवेरिएंट पहली बार मई में भारत में सामने आया और तब से संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया सहित लगभग 10 देशों में इसके मरीज मिल चुके हैं. डच नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ ने एक बयान में कहा, इस वेरिएंट का मरीज अब नीदरलैंड्स में भी मिला है. कुछ वैज्ञानिकों को डर है कि यह वेरिएंट अभी तक मिले दूसरे वेरिएंट की तुलना में सबसे अधिक संक्रामक हो सकता है और टीकों व पिछले संक्रमण के जरिये किसी भी इम्यूनिटी से बचने में बेहतर रूप से सुसज्जित है. हालांकि राहत की बात ये है कि अभी तक इसका कोई प्रमाण नहीं मिला है कि यह मूल प्रकार के ओमिक्रोन की तुलना में किसी अधिक गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है.

डब्ल्यूएचओ भी बनाए हुए है इस वेरिएंट पर नजर

डच इस्टिट्यूट के एक्सपर्ट का कहना है कि, 'बीए.2.75 के बारे में बहुत कम जाना जाता है,' लेकिन यह छोटे विशिष्ट परिवर्तनों के माध्यम से SARS-CoV-2 के खिलाफ बनाए गए बचावों को अधिक आसानी से बायपास करते मिल रहे हैं.' विश्व स्वास्थ्य संगठन की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने पिछले हफ्ते कहा था कि, संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी इस स्ट्रेन पर करीब से नज़र रख रही है, लेकिन 'विश्लेषण करने के लिए सीक्वेंस सीमित थे. उन्होंने एक ट्वीट किए वीडियो में कहा कि, "ऐसा लगता है कि इस सब-वेरिएंट में स्पाइक प्रोटीन के रिसेप्टर बाइंडिंग डोमेन पर कुछ म्यूटेशन हैं, इसलिए इन्हें देखना होगा." उन्होंने यह भी कहा कि, अभी यह जानना बहुत जल्दी होगा कि यह स्ट्रेन इम्यूनिटी से कितनी अच्छे से बच सकता है या यह कितना गंभीर है.

'संक्रामक ज्यादा, लेकिन गंभीरता पर बात करन जल्दबाजी'

जिनेवा विश्वविद्यालय में इंस्टिट्यूट ऑफ ग्लोबल हेल्थ के निदेशक एंटोनी फ्लैहॉल्ट ने एएफपी समाचार एजेंसी को बताया कि भारत में बीए.2.75 के प्रसार ने संकेत दिया कि यह बीए.5 ओमिक्रोन सबवेरिएंट की तुलना में अधिक ट्रांसमिसिबल हो सकता है, जो यूरोप में एक लहर ला रहा है. फ्लैहॉल्ट का कहना है कि, लगातार मिल रहे नए-नए वेरिएंट ने कोरोना से लड़ने के लिए एक परफेक्ट वैक्सीन को विकसित करने को और अधिक कठिन बना दिया है. क्योंकि जब तक उन्हें लक्षित करने वाला एक जैब रोल आउट करने के लिए तैयार होता, तब तक नए स्ट्रेन आकर हावी हो जाते हैं. हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि, बीए.2.75 की गंभीरता के बारे में कुछ भी बताना अभी बहुत जल्दबाजी होगी. वहीं पूर्वी एंग्लिया विश्वविद्यालय के एक संक्रामक रोग विशेषज्ञ प्रोफेसर पॉल हंटर का कहना है कि, बीए.2.75 लहर अभी तक सबसे कम घातक हो सकता है.


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