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अब न्यायपालिका पर इमरान खान ने उठाए सवाल, कहा- आधी रात को क्यों खोले गए दरवाजे?
Renuka Sahu
14 April 2022 2:13 AM GMT
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फाइल फोटो
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद की कुर्सी छिन जाने के बाद तहरीक-ए-इंसाफ के अध्यक्ष इमरान खान ने अब न्यायपालिका पर सवाल उठाए हैं।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद की कुर्सी छिन जाने के बाद तहरीक-ए-इंसाफ के अध्यक्ष इमरान खान ने अब न्यायपालिका पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने आधी रात को ज्यूडिशरी के दरवाजे खोलने के पीछे के मकसद को समझाने के लिए कहा है। मालूम हो कि नेशनल असेंबली में सफल अविश्वास प्रस्ताव के जरिए इमरान को प्रधानमंत्री पद से हटा दिया गया है। अविश्वास प्रस्ताव नेशनल असेंबली में एक बड़े राजनीतिक ड्रामे के बाद लाया गया। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने सत्तारूढ़ पीटीआई के नेतृत्व वाले गठबंधन के खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने के उपाध्यक्ष के फैसले को पलट दिया था।
सत्ता खोने के बाद बुधवार को पेशावर में रैली में खान ने सीधे न्यायपालिका पर सवाल खड़े किए। उन्होंने पूछा, "मैं न्यायपालिका से पूछता हूं कि आपने आधी रात में कोर्ट क्यों खोली। यह देश मुझे 45 साल से जानता है। क्या मैंने कभी कानून तोड़ा है? जब मैंने क्रिकेट खेला तो क्या कभी किसी ने मुझ पर मैच फिक्सिंग का आरोप लगाया? हर बार जब कोई प्रधानमंत्री पद से हटाया जाता था तो लोग खुशी मनाते थे, लेकिन जब मुझे पद से हटाया गया तो जनता ने विरोध दर्ज कराया।"
'मेरे खिलाफ वॉशिंगटन में रची गई साजिश'
इमरान खान ने दोहराया कि पाकिस्तान में पीटीआई सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए विपक्षी दलों की मदद से वॉशिंगटन में 'विदेशी साजिश' रची गई थी। पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि जिन लोगों ने साजिश रची है, वे बहुत खुश हैं कि उन्हें सरकार से बेदखल कर दिया गया। उन्होंने कहा, "जब मैं सरकार का हिस्सा था तब मैं खतरनाक नहीं था, लेकिन अब मैं और अधिक खतरनाक हो जाऊंगा। हम एक आयातित सरकार को स्वीकार नहीं करेंगे और लोगों ने इस कदम के खिलाफ प्रदर्शन करके दिखा दिया है कि वे क्या चाहते हैं।"
'शाहबाज पर 40 हजार करोड़ के घोटाले का आरोप'
रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया कि पाकिस्तान के लोग शाहबाज शरीफ को अपने प्रधानमंत्री के रूप में स्वीकार नहीं करेंगे, क्योंकि उनके पास 40,000 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार के मामले हैं। उन्होंने कहा, "मेरी 25 साल की राजनीति के दौरान मैंने कभी भी सरकारी संस्थानों या न्यायपालिका के खिलाफ जनता को नहीं उकसाया, क्योंकि मेरा जीवन और मृत्यु पाकिस्तान ही है। मैं आपसे पूछता हूं कि मैंने वास्तव में ऐसा क्या अपराध किया था कि आपने आधी रात को अदालतें खोल दीं?"
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