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रूस-यूक्रेन जंग में केवल यूक्रेन ही नहीं बल्कि रूस ने भी चुकाई भारी कीमत, जानें पुतिन की सनक कैसे देश पर पड़ी भारी
Renuka Sahu
4 Jun 2022 2:43 AM GMT
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फाइल फोटो
रूस और यूक्रेन की जंग को 100 दिन पूरे हो गए हैं. इस युद्ध की शुरुआत में रूस की विशाल सेना को देखकर ये अंदाजा लगा पाना मुश्किल था कि यूक्रेन की सेना उसके सामने इतने लंबे वक्त तक टिक सकेगी.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रूस और यूक्रेन की जंग को 100 दिन (Russia Ukraine War) पूरे हो गए हैं. इस युद्ध की शुरुआत में रूस की विशाल सेना को देखकर ये अंदाजा लगा पाना मुश्किल था कि यूक्रेन की सेना उसके सामने इतने लंबे वक्त तक टिक सकेगी. चूंकी युद्ध को तीन महीने से अधिक हो गए हैं और अब चौथा महीना चल रहा है, तो लोगों के जहन में कुछ सवाल भी आए हैं. जैसे, क्या यूक्रेन युद्ध (Ukraine War) में पुतिन आर्मी की पोल खुल गई है? क्या वाकई रूस के टैंक बेकार साबित हुए? यूक्रेन जंग में रूस को कितना नुकसान हुआ है? रूस को जंगी सनक की क्या कीमत चुकानी पड़ी है? अब इन सवालों के जवाब जान लेते हैं.
24 फरवरी को जब दुनिया ने यूक्रेन की तस्वीरें देखीं तो लगा कि अब रूस को रोकना मुश्किल होगा. क्योंकि सैन्य ताकत में रूस और यूक्रेन का कोई मुकाबला नहीं था. लेकिन तमाम मिलिट्री एक्सपर्ट्स और वॉर पंडिट्स के दावे हवा हवाई साबित हुए. यूक्रेन 100 दिन से जंग में टिका हुआ है. रूस को गोल पोस्ट चेंज करने पर मजबूर कर दिया. हालांकि अब रूस के पास यूक्रेन की 20 फीसदी जमीन है लेकिन यूक्रेन और पश्चिमी इंटेलिजेंस के मुताबिक रूस को इसके लिए सैन्य मोर्चे पर काफी कुछ गंवाना पड़ा है. यूक्रेन आर्म्ड फोर्सेस ने दावा करते हुए बताया है कि रूस ने जंग के इन 100 दिनों में क्या कुछ खोया है.
रूस के 31 हजार से ज्यादा सैनिकों की मौत
रूस के करीब 31000 जवान मारे जा चुके हैं. इसके साथ ही 1367 टैंक, 210 विमान, 175 हेलिकॉप्टर, 675 आर्टिलरी सिस्टम, 535 ड्रोन्स और 121 क्रूज मिसाइल खत्म हो चुकी हैं. इतना ही नहीं बल्कि रूस के मोस्कवा समेत कुछ और वॉरशिप्स भी जंग की भेंट चढ़ गए हैं. हालांकि यूक्रेन के इस दावे पर रूस कोई प्रतिक्रिया नहीं देता है. वहीं पश्चिमी देशों का भी मानना है कि रूस को नुकसान तो जरूर हुआ है. उसके 15000 से ज्यादा सैनिक मारे जा चुके है. ध्यान देने वाली बात तो ये है कि पुतिन ने 9 मई को रूस के विक्ट्री डे के मौके पर जवानों की शहादत की बात कबूली थी. उन्हें श्रद्धांजलि तक दी थी.
जिस दिन से यूक्रेन के खिलाफ रूस ने अपनी सेना को भेजा है, उसी वक्त से अमेरिका समेत बाकी दूसरे देशों ने रूस पर आर्थिक चोट करना शुरू कर दिया है. तमाम तरह के प्रतिबंध लगा दिए. रिपोर्ट्स के मुताबिक जंग शुरु होने के बाद से रूस पर अभी तक 5800 से ज्यादा प्रतिबंध लग चुके हैं, अमेरिका ने सबसे ज्यादा 1144 प्रतिबंध लगाए हैं, 4,800 से ज्यादा रूसी नागरिकों पर बैन लगाया गया है, 562 इंस्टीट्यूशन और 458 कंपनियों को प्रतिबंध के दायरे में रखा गया है, कई विदेशी कंपनियां ने रूस में अपना कारोबार बंद कर दिया, यूरोपियन यूनियन भी धीरे धीरे रूस से तेल और गैस खरीदना बंद करेगा और स्विफ्ट पेमेंट से रूस के कई बड़े बैंकों को बाहर कर दिया गया है.
वैसे तो रूस के खिलाफ प्रतिबंध साल 2014 से ही लागू हो रहे हैं लेकिन इस बार यूरोप और अमेरिका एकजुट होकर रूस को आर्थिक तौर पर अलग थलग करने का मन बना चुके हैं. अगर बैंक की बात करें तो अमेरिकन एक्सप्रेस, ड्यूश बैंक, बैंक ऑफ अमेरिका जैसे नामचीन बैंकों ने भी अपने संचालन को रूस में रोक दिया है. जिससे रूस को आर्थिक तौर पर बहुत बड़ा धक्का भी लगा है. लेकिन इस सबके बाद भी रूस जंग की जिद पर कायम है.
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