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पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) अरुणाचल प्रदेश के सुरम्य पहाड़ी शहर तवांग में एक 'टॉय ट्रेन' का निर्माण करेगा. तवांग तिब्बत के बाहर दुनिया का सबसे बड़ा बौद्ध मठ है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क :- पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) अरुणाचल प्रदेश के सुरम्य पहाड़ी शहर तवांग में एक 'टॉय ट्रेन' का निर्माण करेगा. तवांग तिब्बत के बाहर दुनिया का सबसे बड़ा बौद्ध मठ है. मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया कि अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने गुरुवार सुबह एनएफआर के महाप्रबंधक अंशुल गुप्ता के साथ बैठक के दौरान परियोजना के प्रस्ताव को मंजूरी दी.
टॉय ट्रेन पश्चिमी अरुणाचल प्रदेश में लगभग 3,048 मीटर की ऊंचाई पर और राज्य की राजधानी ईटानगर से 448 किलोमीटर दूर और भारत-चीन सीमा के करीब स्थित तवांग के पर्यटन स्थल में आकर्षण का एक केंद्र होगा. वर्तमान दलाई लामा 1959 में तिब्बत से भागने के बाद कुछ दिनों तक तवांग में रहे थे. चीन इस शहर के तिब्बत का हिस्सा होने का दावा करता है.
The picturesque town of #Tawang will soon have a #ToyTrain service.
— Pema Khandu པདྨ་མཁའ་འགྲོ་། (@PemaKhanduBJP) August 12, 2021
Gave nod to the proposal today in a meeting with @RailNf in presence of GM Anshul Gupta.
Requested NF Railway for train service to Southern States and also discussed on work on rail connectivity to Pasighat. pic.twitter.com/D6v72Kkiht
हर बोगी में लगभग 12 यात्रियों के बैठने की होगी क्षमता
इस परियोजना में तवांग शहर में और उसके आसपास एक पर्यटक केंद्रित टॉय ट्रेन सेवा की परिकल्पना की गई है, जिसमें फूड सेंटर और शिल्प बाजार जैसी सुविधाओं के साथ एक पार्क शामिल होगा. प्रस्ताव एक ऐसी ट्रेन के लिए है, जिसमें कम से कम तीन बोगियां होंगी. साथ ही हर बोगी में लगभग 12 यात्रियों के बैठने क्षमता होगी. गुप्ता ने कहा कि अगर राज्य सरकार इसे हरी झंडी देती है तो एनएफ रेलवे तत्काल जमीनी कार्य शुरू कर देगा.
तवांग छठे दलाई लामा, लोबसंग ग्यात्सो का जन्म स्थान होने के लिए प्रसिद्ध है और भारत में सबसे बड़े बौद्ध मठ के लिए भी जाना जाता है. साथ ही तवांग अपनी अद्वितीय सौंदर्य से पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है.
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