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उत्तर कोरिया ने ताइवान का समर्थन करने पर लगाई अमेरिका को फटकार, कहा- चीन है उसका निशाना

Bhumika Sahu
23 Oct 2021 5:30 AM GMT
उत्तर कोरिया ने ताइवान का समर्थन करने पर लगाई अमेरिका को फटकार, कहा- चीन है उसका निशाना
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अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा था कि अगर चीन ताइवान पर हमला करता है तो हम ताइवान की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उनके इस बयान से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खलबली मच गई है। उत्तर कोरिया और चीन ने इस पर जवाब दिया है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ताइवान को समर्थन देने को लेकर उत्तर कोरिया ने अमेरिका पर निशाना साधा है।अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा था कि चीन अगर ताइवान पर हमला करता है तो अमेरिका ताइवान की रक्षा करगी। राष्ट्रपति बाइडन ने ताइवान पर अमेरिका के पुराने रुख़ से अलग लाइन लेते हुए यह बयान दिया था। इस पर उत्तर कोरिया ने शनिवार को बाइडन प्रशासन पर ताइवान के समर्थन के माध्यम से चीन के साथ सैन्य तनाव बढ़ाने का आरोप लगाया और कहा कि इस क्षेत्र में अमेरिकी सैन्य उपस्थिति उत्तर कोरिया के लिए एक संभावित खतरा है।

मीडिया द्वारा की गई टिप्पणियों में उत्तर कोरिया के उप विदेश मंत्री पाक मायोंग हो ने ताइवान स्ट्रेट के माध्यम से युद्धपोत भेजने और ताइवान को उन्नत हथियार प्रणाली और सैन्य प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए अमेरिका की आलोचना की।
बाइडन के बयान के बाद बढ़ा असमंजस
अमेरिकी राष्ट्रपति से पूछा गया था कि क्या अमेरिका ताइवान की रक्षा करेगा तो बाइडन ने कहा, ''हां, ऐसा करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। लेकिन बाद में व्हाइट हाउस के एक प्रवक्ता ने अमेरिकी मीडिया से कहा कि इस टिप्पणी को नीति में बदलाव के तौर पर नहीं लेना चाहिए। उधर ताइवान ने भी कहा कि बाइडन के बयान से चीन को लेकर उसकी नीति में कोई बदलाव नहीं आएगा। अमेरिका में एक क़ानून है जिसके तहत ताइवान की सुरक्षा में मदद की बात कही गई है लेकिन अमेरिका में इस बात को लेकर कोई स्पष्टता नहीं है कि चीन ने ताइवान पर हमला किया तो वह क्या करेगा।
चीन और अमेरिका आमने-सामने
वहीं, ताइवान मुद्दे पर अमेरिका और चीन एक बार फिर से आमने-सामने आ गए हैं। इस बार तो चीन ने एक कदम आगे बढ़ते हुए अमेरिका को चेतावनी भी दे दी है कि वह अपने हितों की रक्षा करने में कोई रियायत नहीं रखेगा। चीन ने कहा है कि अमेरिका ताइवान को लेकर गलत संदेश प्रसारित न करे, इस मामले में कोई समझौता नहीं किया जाएगा। चीन के विदेश मंत्रालय ने अमेरिका से कहा है कि ताइवान मुद्दे पर समझौते की कोई जगह नहीं है। अमेरिका गलत संदेश भेजना बंद कर दे। वहीं चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा है कि चीन अपने हितों की रक्षा करने के लिए किसी के साथ कोई रियायत नहीं करेगा।


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