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अमेरिका की दोस्ती पर भड़का उत्तर कोरिया, US का व्यवहार दुश्मनों वाला

Khushboo Dhruw
31 May 2021 1:32 PM GMT
अमेरिका की दोस्ती पर भड़का उत्तर कोरिया, US का व्यवहार दुश्मनों वाला
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कोरियाई प्रायद्वीप में विकट और अस्थिर हालात बन सकते हैं.

उत्तर कोरिया (North Korea) ने सोमवार को कहा कि अमेरिका (America) ने दक्षिण कोरिया (South Korea) को अधिक शक्तिशाली मिसाइलों के निर्माण की इजाजत दी है जो उत्तर कोरिया के खिलाफ उसकी शत्रुतापूर्ण नीति का उदाहरण है. उसने चेतावनी दी कि इससे कोरियाई प्रायद्वीप में 'विकट और अस्थिर हालात' बन सकते हैं.

अमेरिका और दक्षिण कोरिया के नेताओं के बीच 21 मई को हुए शिखर सम्मेलन के बाद उत्तर कोरिया की यह पहली प्रतिक्रिया है. शिखर सम्मेलन के दौरान अमेरिका ने दक्षिण कोरिया के मिसाइल निर्माण पर दशकों से लगे प्रतिबंध को खत्म कर दिया था और अपने सहयोगी देश को असीमित दूरी की मिसाइल के निर्माण की इजाजत दी थी.
परमाणु हथियार बढ़ाता रहेगा उत्तर कोरिया
उत्तर कोरिया के प्रति शत्रुतापूर्ण अमेरिकी नीति का ये आरोप मायने रखता है क्योंकि उत्तर कोरिया ने कहा है कि वह बातचीत नहीं करना चाहता और जब तक अमेरिका का शत्रुतापूर्ण रवैया जारी रहेगा तब तक वह अपने परमाणु हथियार के जखीरे में इजाफा करता रहेगा.
हालांकि उत्तर कोरिया के हालिया बयान को सरकारी बयान नहीं बल्कि व्यक्तिगत बयान माना जा रहा है जो इस बात का संकेत है कि उत्तर कोरिया जो बाइडेन प्रशासन के साथ संभावित कूटनीति के लिए दरवाजे खुले रखना चाहता है. आधिकारिक कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) के अनुसार अंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकार किम मायोगं चोल ने कहा कि पाबंदी हटाने का कदम उत्तर कोरिया के प्रति अमेरिका की शत्रुतापूर्ण नीति और मुद्दे से निपटने के उसके दोहरे रैवये की याद दिलाता है.
उत्तर कोरिया पर दबाव डालना गंभीर गलती
उन्होंने कहा, 'अमेरिका ने गलती की है. कोरियाई प्रायद्वीप और उसके आस पास असंतुलन पैदा कर उत्तर कोरिया पर दबाव डालना एक गंभीर गलती है और इसके कारण कोरियाई प्रायद्वीप, जहां पहले ही युद्ध जैसी परिस्थितियां बनी हुई हैं, वहां गंभीर और अस्थिर हालात पैदा हो सकते हैं.' अमेरिका ने इससे पहले प्रायद्वीप में हथियार निर्माण की होड़ पर चिंता जताते हुए दक्षिण कोरिया पर 800 किलोमीटर से अधिक दूरी के मिसाइल निर्माण पर प्रतिबंध लगाया था.
साउथ कोरिया ने की प्रशंसा
दक्षिण कोरिया के कुछ पर्यवेक्षकों ने अमेरिका के इस कदम की प्रशंसा की है और इसे सैन्य संप्रभुता बहाल करने वाला कदम बताया है. वहीं, अन्य ने इसे चीन से प्रतिद्वंद्विता के जवाब में अपने सहयोगी की सैन्य क्षमता बढ़ाने के इरादे से उठाया गया अमेरिकी कदम बताया है. दक्षिण कोरिया की सरकार ने कहा कि वह उत्तर कोरिया की हरकतों पर सावधानी से नजर रखे हुए है.


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