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उत्तर कोरिया ने किया मिसाइल टेस्ट, समुद्र में गिरने से पहले पूरा किया 1090 KM का सफर

Neha Dani
25 March 2022 7:48 AM GMT
उत्तर कोरिया ने किया मिसाइल टेस्ट, समुद्र में गिरने से पहले पूरा किया 1090 KM का सफर
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ह्वासोंग-17 मिसाइल के बारे में सबसे पहले अक्टूबर 2020 में दुनिया को पता चला था.

उत्तर कोरिया (North Korea) ने अपने नेता किम जोंग उन (Kim Jong Un) के आदेशानुसार अपनी सबसे बड़ी अंतर-महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) के परीक्षण की पुष्टि की है. ऐसा माना जा रहा है कि अमेरिका के साथ 'लंबे समय से टकराव' के मद्देनजर तैयारी करते हुए उत्तर कोरिया अपनी परमाणु क्षमता का विस्तार कर रहा है. उत्तर कोरिया की सरकारी मीडिया की ओर से शुक्रवार को एक खबर में इस प्रक्षेपण (North Korea Missile Test) की पुष्टि की गई है.

इससे एक दिन पहले, दक्षिण कोरिया और जापान ने कहा था कि 2017 के बाद से अपने पहले लंबी दूरी के परीक्षण में उत्तर कोरिया ने राजधानी प्योंगयांग के पास एक हवाई अड्डे से एक आईसीबीएम का प्रक्षेपण किया है. उत्तर कोरिया की आधिकारिक 'कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी' (केसीएनए) ने बताया कि ह्वासोंग-17 (आईसीबीएम) 6,248 किलोमीटर (3,880 मील) की अधिकतम ऊंचाई पर पहुंची और उत्तर कोरिया और जापान के बीच समुद्र में गिरने से पहले उसने 67 मिनट में 1,090 किलोमीटर (680 मील) का सफर तय किया.
युद्ध के वक्त इस्तेमाल हो सकती है प्रणाली
एजेंसी ने दावा किया कि परीक्षण ने वांछित तकनीकी उद्देश्यों को पूरा किया और यह साबित करता है कि आईसीबीएम प्रणाली को युद्ध की स्थिति में तुरंत इस्तेमाल किया जा सकता है. दक्षिण कोरियाई और जापानी सेनाओं ने भी ऐसे ही प्रक्षेपण विवरण दिए थे. उसके बारे में विशेषज्ञों का कहना है कि मिसाइल 15,000 किलोमीटर (9,320 मील) तक के लक्ष्य को निशाना बना सकती है, अगर उसे एक टन से कम वजन वाले 'वारहेड' (मुखास्त्र) के साथ सामान्य प्रक्षेप-पथ पर दागा जाए.
मिसाइल टेस्ट से किम जोंग उन खुश
'केसीएनए' ने मिसाइल के प्रक्षेपण की कुछ तस्वीरें भी साझा कीं. तस्वीरों में देश के नेता किम जोंग उन मुस्कराते हुए ताली बजाते नजर आ रहे हैं. एजेंसी ने किम के हवाले से कहा कि उनका नया हथियार उत्तर कोरिया की परमाणु ताकतों के बारे में दुनिया को एक स्पष्ट संदेश देगा. उन्होंने (किम ने) अपनी सेना को एक विकट एवं तमाम तकनीक से लैस सेना बनाने का संकल्प किया, जो किसी भी सैन्य खतरे और धमकी से न डरे और अमेरिकी साम्राज्यवादियों के साथ लंबे समय से चले आ रहे टकराव का सामना करने के लिए खुद को पूरी तरह से तैयार कर ले.
दक्षिण कोरियाई सेना ने दिया था जवाब
दक्षिण कोरियाई सेना ने जल, थल और हवा से अपनी मिसाइल का परीक्षण कर उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षण का जवाब दिया था. दक्षिण कोरिया ने यह भी कहा है कि उत्तर कोरियाई मिसाइल परीक्षण केन्द्र और इसके कमान एवं सुविधा केन्द्र पर सटीक निशाना साधने की पूरी तैयारी है. संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस ने अमेरिका में पत्रकारों से कहा कि इस प्रक्षेपण पर शुक्रवार को सुरक्षा परिषद में एक बैठक होने की उम्मीद है. यह इस साल उत्तर कोरिया का 12वां प्रक्षेपण था. गत रविवार को उत्तर कोरिया ने समुद्र में संदिग्ध गोले दागे थे.
अमेरिका पर रियायतों के लिए डाल रहा दबाव
विशेषज्ञों का कहना है कि उत्तर कोरिया अपने शस्त्रागार को आधुनिक बनाने के लिए तेजी से कार्रवाई कर रहा है और ठप पड़ी परमाणु निरस्त्रीकरण वार्ता के बीच अमेरिका पर रियायतें देने के लिए इसके जरिए दबाव डालना चाहता है. उत्तर कोरिया, 2017 में तीन आईसीबीएम उड़ान परीक्षणों के साथ अमेरिका की सरजमीं तक पहुंचने की क्षमता का प्रदर्शन कर चुका है. विशेषज्ञों का कहना है कि सबसे बड़ी मिसाइल ह्वासोंग-17 विकसित करने का मकसद, उत्तर कोरिया द्वारा मिसाइल रक्षा प्रणालियों को और आगे बढ़ाने के लिए उसे कई हथियारों से लैस करना भी हो सकता है. ह्वासोंग-17 मिसाइल के बारे में सबसे पहले अक्टूबर 2020 में दुनिया को पता चला था.
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