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उत्तर कोरिया ने इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल की शक्ति का किया प्रदर्शन...दहशत में आया दक्षिण कोरिया

Kunti Dhruw
5 Oct 2020 2:22 PM GMT
उत्तर कोरिया ने इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल की  शक्ति का किया प्रदर्शन...दहशत में आया दक्षिण कोरिया
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उत्तर कोरिया के एक इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल को प्योंगयांग के बाहरी इलाकों में देखा

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | प्योंगयांग: उत्तर कोरिया के एक इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल को प्योंगयांग के बाहरी इलाकों में देखा गया है। अमेरिका और दक्षिण कोरियाई सुरक्षा एजेंसियों ने बताया कि किम जोंग उन ने इस मिसाइल को चार-चार मोबाइल लॉन्चरों के साथ शहर के बाहरी सीमा में रखा है। आशंका जताई जा रही है कि 10 अक्टूबर को कोरियाई वर्कर्स पार्टी की 75वीं स्थापना दिवस पर होने वाली परेड में इसे प्रदर्शित किया जाएगा।

10 अक्टूबर को परेड में दिखाने की तैयारी

दक्षिण कोरिया के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा है कि यह मिसाइल 2017 में टेस्ट की गई मिसाइल की तुलना में बड़ी है। हमें विश्वास है कि इसे 10 अक्टूबर को होने वाली परेड में इस मिसाइल को प्रदर्शित किया जाएगा। उत्तर कोरिया ने 2017 में अपना पहले इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) ह्वासॉन्ग -15 को टेस्ट किया था।

सीक्रेट पनडुब्बी को भी करेगा लॉन्च

उत्तर कोरिया की इस मिसाइल को लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। कहा तो यह भी जा रहा है कि इस आईसीबीएम मिसाइल को उत्तर कोरिया बिना किसी दूसरे देश की मदद से विकसित ही नहीं कर सकता है। खुफिया अधिकारियों ने यह भी कहा है कि इस परेड के दौरान उत्तर कोरिया एक नई पनडुब्बी को भी प्रदर्शित कर सकता है।

ज्यादा खतरनाक होती है ये मिसाइल

रक्षा विश्लेषकों का कहना है कि अभी तक उत्तर कोरिया के पास सिर्फ लिक्विड फ्यूल आधारित मिसाइलें रही हैं जिन्हें तैयार करने में वक्त लगता है और उन्हें रेडी-टू-लॉन्च स्टेट में नहीं छोड़ा जा सकता है। जबकि सॉलिड फ्यूल मिसाइलों को ईंधन भरकर छोड़ा जा सकता है कि जल्दी लॉन्च भी किया जा सकता है। इन्हें डिटेक्ट कर खत्म करना भी मुश्किल होता है।

राष्ट्रपति चुनाव से पहले शक्ति प्रदर्शन

माना जा रहा है कि नवंबर में अमेरिका में होने वाले राष्ट्रपति चुनावों से पहले उत्तर कोरिया शक्ति प्रदर्शन कर सकता है। इसके लिए देश की सेना ने अभ्यास भी शुरू कर दिया है। प्योंगयांग की सैटलाइट तस्वीरों में इस तैयारी को देखा जा सकता है। यॉन्गब्योन में हो रहीं गतिविधियों से यह माना जा सकता है कि उत्तर कोरिया यूरेनियम पर काम कर रहा है।

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