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उत्तर कोरिया ने फिर किया मिसाइल लांच, इस महीने सातवीं बार अपने हथियार का किया परीक्षण

Bhumika Sahu
30 Jan 2022 2:05 AM GMT
उत्तर कोरिया ने फिर किया मिसाइल लांच, इस महीने सातवीं बार अपने हथियार का किया परीक्षण
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उत्तर कोरिया ने इस महीने सातवीं बार अपने हथियार का परीक्षण किया है और रविवार सुबह संदिग्ध बैलिस्टिक मिसाइल जापान के समुद्र में दागी। जापानी तट रक्षक ने पहले ही जहाजों को चेता दिया था कि रविवार को उत्तर कोरिया मिसाइल लांच कर सकता है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। उत्तर कोरिया (North Korea) ने रविवार को अज्ञात प्रोजेक्टाइल जापान के समुुुद्र में प्रक्षेपित किया। दक्षिण कोरिया के योनहाप न्यूज एजेंसी ने अपने रिपोर्ट में यह जानकारी दी। इसमें दक्षिण कोरियाई ज्वाइंट चीफ आफ स्टाफ (JCS) के हवाले से बताया गया कि प्रोजेक्टाइल को पूर्वी सागर (Sea of Japan) की ओर लांच किया गया है। इस बीच जापानी तट रक्षक ने चेताया था कि रविवार सुबह उत्तर कोरिया मिसाइल लांच कर सकता है इसलिए जहाजों को सतर्क रहना होगा। यदि आधिकारिक तौर पर इस लांच की पुष्टि होती है तो यह इस साल का प्योंगयांग द्वारा किया गया सातवां मिसाइल टेस्ट होगा।

इससे पहले उत्तर कोरिया ने कहा था कि इस सप्ताह हथियार परीक्षण के उसके दो दौर सफल रहे। उसने अपनी सुरक्षा प्रणाली को मजबूत करते रहने तथा अधिक शक्तिशाली आयुधों के विकास को गति देने का संकल्प लिया। KCN ने तटीय क्षेत्र से प्रक्षेपित की गईं दो बैलिस्टिक मिसाइलों को पारंपरिक हथियारों से लैस 'सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल बताया और कहा कि उनका परीक्षण सफल रहा।
सरकारी मीडिया द्वारा जारी की गई तस्वीरों से पता चलता है कि परीक्षण किए गए हथियार कम दूरी की ठोस-ईंधन मिसाइल थे, जिसे स्पष्ट रूप से रूस की इस्कंदर बैलिस्टिक प्रणाली की तर्ज पर तैयार किया गया है। उत्तर कोरिया ने इस महीने छठी बार अपने हथियारों का परीक्षण करते हुए दो संदिग्ध बैलिस्टिक मिसाइल समुद्र में दागीं थीं। दक्षिण कोरिया की सेना ने यह जानकारी दी थी।
उत्तर कोरिया ने पिछले हफ्ते भी अमेरिका को जद में लेने वाले परमाणु विस्फोटकों और लंबी दूरी की मिसाइलों के परीक्षण को फिर से शुरू करने की परोक्ष धमकी दी थी। इस परीक्षण को देश के नेता किम जोंग उन ने 2018 में अमेरिका के साथ कूटनीतिक बातचीत की शुरुआत करते हुए निलंबित कर दिया था। तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ किम की शिखर वार्ता 2019 में पटरी से उतर गई, जब अमेरिका ने उत्तर कोरिया के अपने परमाणु क्षमताओं पर आंशिक रोक के बदले प्रतिबंधों में बड़ी राहत की उसकी मांगों को खारिज कर दिया।


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