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रूस के हमलों के बाद यूक्रेन छोड़कर भागने वाले नागरिकों को राहत नहीं, फ्रांस में कई फंसे, ब्रिटेन ने आसान की वीजा प्रक्रिया

Renuka Sahu
11 March 2022 4:17 AM GMT
रूस के हमलों के बाद यूक्रेन छोड़कर भागने वाले नागरिकों को राहत नहीं, फ्रांस में कई फंसे, ब्रिटेन ने आसान की वीजा प्रक्रिया
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फाइल फोटो 

ब्रिटेन में अपने परिजनों तक पहुंचने की उम्मीद से फ्रांस के बंदरगाह शहर कैलाइस आए यूक्रेनवासी शुक्रवार से स्थानीय प्रशासन के समक्ष वीजा का अनुरोध कर सकते हैं.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ब्रिटेन (Britain) में अपने परिजनों तक पहुंचने की उम्मीद से फ्रांस (France) के बंदरगाह शहर कैलाइस आए यूक्रेनवासी शुक्रवार से स्थानीय प्रशासन के समक्ष वीजा (UK Visa Process) का अनुरोध कर सकते हैं. यहां फंसे शरणार्थियों के साथ बदसलूकियों की शिकायत के बाद ब्रिटिश अधिकारियों ने तेजी के साथ यह योजना तैयार की है. प्रांतीय प्रशासन ने गुरुवार को जारी एक बयान में कहा कि ब्रिटेन का एक 'कांसुलर पोस्ट' आरस के निकटवर्ती कैलाइस क्षेत्र में बनाया गया है.

फ्रांस के आंतरिक मामलों के मंत्री गेराल्ड डर्मेनियन ने पिछले रविवार को कहा था कि रूस के हमलों के बाद यूक्रेन छोड़कर भागने वाले नागरिक लंबी यात्रा करके कैलाइस पहुंच रहे हैं और उन्हें पहले पेरिस या ब्रसेल्स में वीजा आवेदन करने को कहा गया था, 'जो थोड़ा आमनवीय था.' सैकड़ों यूक्रेनवासियों को कैलाइस के निकट ब्रिटेन के प्रवेश बिंदुओं से लौटना पड़ा था, जिसे कैलाइस प्रशासन ने इस सप्ताह 'अवास्तविक' करार दिया था.
पीएम जॉनसन ने किया था बचाव
हालांकि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को अपने इस रुख का यह कहकर समर्थन करना पड़ा था कि ब्रिटेन 'बिना किसी जांच या नियंत्रण' के लोगों को अपनी सीमा में प्रवेश को अनुमति नहीं देगा. कैलाइस को ब्रिटेन में दाखिल होने के लिए एक महत्वपूर्ण बिंदु माना जाता रहा है. यहां आने वाले प्रवासी इंग्लिश चैनल पार करके ब्रिटेन की सीमा में दाखिल होते रहे हैं. इस बाबत ब्रिटेन की सरकार भी तैयारियां कर रही है.
24 फरवरी से जारी है युद्ध
रूस ने 24 फरवरी को यूक्रेन पर पहला हमला किया था, इसी के बाद से दोनों देशों के बीच युद्ध चल रहा है. अब तक कई बैठकें होने के बाद भी युद्ध में किसी तरह की कमी का कोई संकेत नहीं दिख रहा. यूक्रेन के कई शहर खंडहर बन गए हैं. यहां आम नागरिकों की भी मौत हो रही हैं. जिसके चलते लोग अपनी जान बचाने के लिए पड़ोसी देशों में शरण ले रहे हैं. रूस के बम, गोले और मिसाइल ना केवल सैन्य क्षेत्रों बल्कि रिहायशी इलाकों में आकर भी गिर रहे हैं.
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