ब्रिटिश सरकार ने 20 लाख पाउंड (20.32 करोड़ रुपये) के निवेश के बदले ब्रिटेन में निवास और व्यापार की इजाजत देने वाले गोल्डन वीजा की व्यवस्था को खत्म करने का एलान किया है। ब्रिटेन ने इसे खत्म करने के पीछे दलील दी है कि इसके जरिये भ्रष्ट अमीर लोगों को ब्रिटेन में पहुंचने की आशंका बढ़ रही है।
ब्रिटेन के गृह मंत्रालय ने कहा, टियर-1 निवेशक वीजा व्यवस्था (गोल्डन वीजा) के कारण कई सुरक्षा चिंताएं पैदा हुई हैं। कई लोगों ने अपने देश में गैरकानूनी तरीके सेज्यादातर लाभार्थी रूसी रूस से आने वाले लोग धन कमाने के बाद इस वीजा का अनुचित लाभ उठाकर ब्रिटेन में निवास व व्यापार हक हासिल किया। यह वीजा पाने वाले लोगों को अपने परिवार को भी ब्रिटेन में साथ रखने की इजाजत दी जाती है। यह व्यवस्था 2008 से चली आ रही है।
ज्यादातर लाभार्थी रूसी
इस वीजा व्यवस्था का लाभ लेने वालों में सबसे ज्यादा लोग रूस के हैं। इस व्यवस्था के आलोचक लंबे समय से सवाल उठा रहे हैं कि इस बात की क्या गारंटी है कि रूसी सरकार के एजेंट नहीं हैं। बहरहाल, गृह मंत्री प्रीति पटेल ने कहा है कि सरकार का यह कदम अवैध वित्त पर लगाम लगाने के लिए है, ताकि ब्रिटेन के लोगों का तंत्र में विश्वास बना रहे।