एक तरफ तो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री भारत के साथ युद्ध छोड़ शांति की गुहार लगाते नजर आते हैं। वहीं सरकार में उनकी सहयोगी और पाकिस्तानी विदेश राज्य मंत्री आर्टिकल 370 को लेकर बयान देती नजर आती हैं। पाकिस्तान की पत्रकार मुनीजा जहांगीर को एक इंटरव्यू में उन्होंने आर्टिकल 370 को लेकर बयान दिया है। हिना रब्बानी खार ने कहा कि जब तक भारत जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 को बहाल नहीं करता है, तब तक हमारी उनसे किसी भी मुद्दे पर बात नहीं हो सकती है। बता दें कि आज से चार बरस पहले भारत सरकार ने जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 को निरस्त किया था।
पाकिस्तानी विदेश राज्य मंत्री हिना रब्बानी खार का बयान साफ इशारा करता है कि पाकिस्तान भारत के साथ तभी राजनयिक संबंधों को फिर से स्थापित करेगा, जब तक भारत कश्मीर में आर्टिकल 370 लागू न कर ले। उन्होंने कहा कि बहुत सारे लोग शांति और अमन की बात करते हैं। लेकिन भारत की तरफ से पिछले दस सालों के एक्शन को देखें। उनकी तरफ से कभी कोई ऐसी पहल नहीं की गई है। जम्मू कश्मीर की विशेष स्थिति ऐतिहासिक रूप से अनुच्छेद 370 में निहित थी, जिसने इस क्षेत्र को शासन, कानून और भूमि स्वामित्व में महत्वपूर्ण वरीयता प्रदान की थी। इसे रद्द करने को पाकिस्तान ने कश्मीरी लोगों के अधिकारों का उल्लंघन और क्षेत्र की जनसांख्यिकीको बदलने के कोशिश के रूप में माना था।
बता दें कि तीन दिन पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने सभी गंभीर और लंबित मुद्दों को हल करने के लिए भारत के साथ वार्ता करने की पेशकश की। शरीफ ने यहां पाकिस्तान खनिज शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की। ‘डस्ट टू डेवलपमेंट’ के नारे के तहत आयोजित इस बैठक का उद्देश्य नकदी संकट से जूझ रहे देश में विदेशी निवेश लाना है। प्रधानमंत्री ने स्पष्ट तौर पर भारत के संदर्भ में कहा कि हम हर किसी के साथ बात करने के लिए तैयार हैं, यहां तक कि अपने पड़ोसी के साथ भी बशर्ते कि पड़ोसी गंभीर मुद्दों पर बात करने के लिए गंभीर हो, क्योंकि युद्ध अब कोई विकल्प नहीं है