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जलवायु परिवर्तन वाली मीटिंग में नहीं मिला पाकिस्तान को निमंत्रण, तो छलका PM इमरान का दर्द

Neha Dani
3 April 2021 1:28 PM GMT
जलवायु परिवर्तन वाली मीटिंग में नहीं मिला पाकिस्तान को निमंत्रण, तो छलका PM इमरान का दर्द
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जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (सीओपी26) के मार्ग में एक मील का पत्थर साबित होगा.’

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) के वर्चुअल क्लाइमेट समिट में पाकिस्तान (Pakistan) को न्योता ना दिए जाने का दर्द इमरान खान ने खुलकर जताया है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर अपना दुखड़ा रोते हुए पाकिस्तान में पर्यावरण संरक्षण के लिए किए गए काम का ढिंढोरा भी पीटा है. वहीं, अमेरिका ने पाकिस्तान को भाव न देते हुए जलवायु परिवर्तन पर अमेरिकी राष्‍ट्रपति के विशेष दूत जॉन कैरी की यात्रा को भारत और बांग्‍लादेश तक ही सीमित रखा है. इमरान खान ने कहा कि मैं पाकिस्तान में क्लाइमेट समिट में निमंत्रण ना दिए जाने को लेकर उठ रही आवाजों से परेशान हूं. मेरी सरकार की पर्यावरण नीति हमारी भावी पीढ़ियों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता से संचालित हैं. हम जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने के लिए और स्वच्छ और हरे पाकिस्तान बनाने के प्रयासों में लगे हुए हैं.

इतना ही नहीं, इमरान ने आगे कहा कि ग्रीन पाकिस्तान की हमारी पहल में 10 करोड़ पेड़ लगाने प्रकृति आधारित समाधान, हमारी नदियों की सफाई शामिल हैं. खैबर पख्तूनख्वा में सरकार चलाने के साथ पिछले 7 सालों में हमने विशाल अनुभव पाया है. हमारी नीतियों को मान्यता दी गई है और इसकी सराहना की जा रही है. हम अपने अनुभव से सीखने के इच्छुक किसी भी राज्य की मदद करने के लिए तैयार हैं.



अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि 22-23 अप्रैल के बीच जलवायु परिवर्तन पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा आयोजित नेताओं के शिखर सम्मेलन और इस वर्ष के अंत में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (सीओपी26) से पहले कैरी इस मुद्दे पर विचार विमर्श के लिए इन देशों की यात्रा करेंगे. कैरी ने ट्वीट किया, कि जलवायु संकट से निपटने के लिए अमीरात, भारत और बांग्लादेश में दोस्तों के साथ सार्थक चर्चा को लेकर उत्साहित हूं.

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत विश्व के 40 नेताओं को जलवायु परिवर्तन से निपटने को लेकर वार्ता के मकसद से आयोजित होने वाले नेताओं के शिखर सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया है. इस शिखर सम्मेलन का मकसद जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए ठोस कदम उठाने के आर्थिक लाभ एवं महत्व को रेखांकित करना है. वाइट हाउस ने पिछले सप्ताह कहा था, यह ग्लासगो में इस साल नवंबर में होने वाले संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (सीओपी26) के मार्ग में एक मील का पत्थर साबित होगा.'


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