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Nike के विज्ञापन से जापान में विवाद बढ़ा, कंपनी के बायकॉट की चली मुहिम

Kunti Dhruw
3 Dec 2020 2:14 PM GMT
Nike के विज्ञापन से जापान में विवाद बढ़ा, कंपनी के बायकॉट की चली मुहिम
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नाइकी कंपनी के एक विज्ञापन से जापान में विवाद भड़क गया है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क : नाइकी कंपनी के एक विज्ञापन से जापान में विवाद भड़क गया है। नाइकी खेल का सामान बनाने वाली कंपनी है। उसने एक वीडियो बनाया, जिसमें जापान में मौजूद नस्लभेद की तह में जाने की कोशिश की गई। ऐसा तीन बालिका फुटबॉलरों के जरिए किया गया। दो मिनट का ये वीडियो बीते सोमवार को जारी किया गया था। जैसे ही ये लोकप्रिय हुआ, जापान के एक बड़े सर्वे ने इसे जापानी समाज का अपमान बताना शुरू कर दिया। उसके बाद सोशल मीडिया पर नाइकी कंपनी के उत्पादों के बायकॉट की मुहिम छेड़ दी गई है।

बुधवार तक इस वीडियो फिल्म को ट्विटर पर लगभग डेढ़ करोड़ लोग देख चुके थे। लगभग 65 हजार लोगों ने इसे लाइक किया था। 16 हजार से ज्यादा कमेंट इस पर किए जा चुके थे। यू-ट्यूब पर ट्विटर की तुलना में कई गुना ज्यादा लोगों ने इस विज्ञापन को देखा है। जापानी समाज के एक तबके ने इसकी तारीफ की है। सोशल मीडिया पर इस तबके ने इसे सशक्त संदेश देने वाला विज्ञापन बताया है।
लेकिन जापान के दक्षिणपंथी खेमे का कहना है कि इसमें जापानी समाज की गलत छवि पेश की गई है। सोशल मीडिया पर एक कमेंट में कहा गया- क्या जापानी समाज सचमुच भेदभाव से भरपूर है? ऐसा लगता है कि इस बारे में कंपनी गलत धारणा बना रही है। एक दूसरे व्यक्ति ने लिखा कि अब अकसर दो अलग-अलग राष्ट्रीयताओं के बच्चे साथ- साथ स्कूल जाते देखे जाते हैं। इसलिए अगर सचमुच कोई पूर्वाग्रह से ग्रस्त है, तो वह नाइकी है। यह इल्जाम भी लगाया है कि कुछ ताकतों को जापान पर इल्जाम लगाने में मजा आता है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक बड़ी संख्या में लोगों ने नाइकी के उत्पाद अब ना खरीदने का एलान किया है।
जापान के समाज में परंपरागत रूप से नस्लीय विभिन्नता मौजूद नहीं रही है। अतीत में अधिकांश आबादी एक जैसी रही। लेकिन हाल के समय में यहां बसे कुछ दूसरी नस्लों और राष्ट्रीयताओं की शख्सियतों ने बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं। पिछले साल रग्बी वर्ल्ड कप में जापान की टीम ने बेहतरीन प्रदर्शन किया, जिसमें कई नस्लों के खिलाड़ी शामिल थे। इसी तरह टेनिस स्टार नाओमी ओसाका आज महिला टेनिस की दुनिया की जानी-मानी नाम हैं। वे ग्रैंड स्लैम खिताब भी जीत चुकी हैँ। वे जापानी मां और हैती निवासी पिता की संतान हैं। इन शख्सियतों की कामयाबी ने जापान के एक नस्लीय समाज होने की धारणा को चुनौती दी है।
नाइकी के विज्ञापन का टाइटल- फ्यूचर इज नॉट वेटिंग- यानी भविष्य अब इंतजार में नहीं है, दिया गया है। इसमें तीन नस्लों की बालिका फुटबॉलरों को दिखाया गया है। उनमें एक जापानी, एक कोरियाई और एक ब्लैक पिता और जापानी मां की संतान है। वीडियो फिल्म में मिश्रित नस्ल वाली खिलाड़ी को उसके क्लास के सहपाठी घेर लेते हैं और उसके बालों को छूते हैं।
कोरियाई लड़की को अपने स्मार्टफोन पर 'जाइनिची प्रोब्लेम' शब्द पढ़ते दिखाया गया है। ये अपमानजनक शब्द जापान में बसे कोरियाई लोगों के लिए इस्तेमाल होता है। उधर जापानी लड़की को स्कूल में धमकाया जाता है। साथ ही उसे पढ़ाई में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए माता-पिता का दबाव झेलते हुए भी चित्रित किया गया है। फिल्म के आखिर में संदेश दिया गया है कि मुश्किलें झेल रही तीनों लड़कियां फुटबॉल से अपने प्यार के कारण अपनी प्रतिभा साबित करने में सफल रहती हैं।
नाइकी ने इस विवाद पर कोई टिप्पणी नहीं की है। लेकिन अपनी वेबसाइट पर उसने कहा कि उसका यह यकीन है कि खेल जिंदगियों को बदल देता है। कंपनी ने कहा है कि वह लंबे समय से अल्पसंख्यकों की आवाज को सुनती रही है और उन उद्देश्यों का समर्थन करती रही है, जिसमें उसका भरोसा है। कंपनी ने कहा है- हमारा विश्वास है कि खेल में यह दिखाने की क्षमता है कि बेहतर दुनिया कैसी होगी। साथ ही खेल लोगों को साथ लाने और अपने-अपने समुदायों में सक्रिय होने की प्रेरणा देने में सक्षम है।


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