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पूरी दुनिया में कहर बरपा रहे कोरोना वायरस की तीसरी लहर भारत में दस्तत देने वाली है
निकोसिया: पूरी दुनिया में कहर बरपा रहे कोरोना वायरस की तीसरी लहर भारत में दस्तत देने वाली है. लेकिन इस बीच वैज्ञानिकों ने चौंकाने वाला दावा करते हुए लोगों को सावधान किया है कि कोरोना जैसे सैकड़ों वायरस पेड़ों के परागकण से भी फैल सकते हैं. ये खतरा भीड़ भरे इलाकों में ज्यादा है.
निकोसिया यूनिवर्सिटी की शोध में खुलासा
साइप्रस के निकोसिया यूनिवर्सिटी के शोध में यह चौका देने वाली जानकारी सामने आई है. शोधकर्ताओं ने कंप्यूटर पर विलो के पेड़ का मॉडल बनाया जो बड़ी मात्रा में परागकण छोड़ता है और बताया कि इसके कण किस तरह से आसपास फैल जाते हैं. हालांकि राहत की बात यह है कि ये परागकण बहुत तेजी से भीड़ से दूर चले जाते हैं.
6 फुट की सोशल डिस्टेसिंग पर्याप्त नहीं
शोध के आधार पर शोधकर्ताओं ने कहा कि कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए 6 फुट की सोशल डिस्टेंसिंग हमेशा पर्याप्त नहीं रहेगी. वैज्ञानिकों का सुझाव है कि जिन जगहों पर हवा में परागकण का स्तर ज्यादा है, वहां उसे कम करने के उपाय किए जाने चाहिए. इस शोध को तालिब दबोउक और इंजीनियर दिमित्रियस ड्रीकाकिस ने अंजाम दिया है.
फिजिक्स ऑफ फ्लूइड्स में प्रकाशित हुआ शोध
दिमित्रियस ड्रीकाकिस ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इस शोध से लोगों का पेड़ों के ऊपर ज्यादा ध्यान जाएगा. उनका यह शोध जर्नल Physics of Fluids में प्रकाशित हुआ है. बता दें कि कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में कोहराम मचाया. इसकी वजह से लाखों लोग मारे गए, जबकि करोड़ों लोग संक्रमित हुए. कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर डाला. भारत, अमेरिका, यूरोपीय संघ के साथ ही अन्य कई देशों की अर्थव्यवस्था संकुचित हुई और कई देशों की विकास दर नकारात्मक रही.
Rani Sahu
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