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अमेरिका और ब्रिटेन तनाव को कम करने और दोनों पड़ोसी देशों के बीच फिर से बातचीत शुरू करने के लिए दबाव डाल रहे हैं।
भारत और पाकिस्तान संबंधों में गतिरोध को दूर करने के लिए पर्दे के पीछे से बातचीत कर रहे हैं। हालांकि पीएम मोदी शहबाज सरकार को कश्मीर पर कोई रियायत देने के मूड में नहीं हैं। एक मीडिया रिपोर्ट में आधिकारिक सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी गई। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट में कहा गया है कि दोनों देशों के बीच संबंध वर्षों से तनावपूर्ण रहे हैं और अगस्त 2019 में भारत ने जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को रद्द कर दिया था। इसके बाद परमाणु हथियारों से संपन्न दोनों देश के संबंध और खराब हो गए हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है, 'तब से, राजनयिक संबंध खराब हो गए हैं, द्विपक्षीय व्यापार निलंबित कर दिया गया है और कोई सीधी वार्ता नहीं हुई है। वैसे, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सरकार के कार्यभार संभालने से पहले ही, दोनों देश एक-दूसरे से बिना किसी शोरगुल के बात कर रहे हैं।' इन्हीं संपर्कों के कारण फरवरी 2021 में युद्धविराम समझौते का नवीनीकरण हुआ और तब से संघर्ष विराम जारी है और इसके उल्लंघन की कोई बड़ी घटना नहीं हुई है। लेकिन इस प्रक्रिया से दोनों देशों के बीच वार्ता की बहाली के मामले में कोई सफलता नहीं मिल सकी।
'दोनों देशों के प्रासंगिक लोग एक-दूसरे के संपर्क में हैं'
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट में आधिकारिक सूत्र के हवाले से कहा गया है, 'इसे बैक चैनल कहें, ट्रैक-2 या पर्दे के पीछे की बातचीत, मैं केवल इस बात की पुष्टि कर सकता हूं कि दोनों देशों के प्रासंगिक लोग एक-दूसरे के संपर्क में हैं।' हालांकि, सूत्र ने कहा कि उनके पास उन संपर्कों का सटीक विवरण नहीं है। उन्होंने कहा कि जब तक कुछ ठोस निर्णय नहीं लिया जाता, तब तक चर्चाओं को बनाए रखना 'बैक चैनलों' का उद्देश्य है।
विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान में राजनीतिक अनिश्चितता और दोनों पक्षों की ओर से बातचीत को फिर से शुरू करने के लिए कड़ी शर्तों को देखते हुए तत्काल सफलता की संभावना कम है। हालांकि दोनों देशों के बीच व्यापार शुरू हो सकता है। इससे पहले पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा था कि वह भारत के साथ अच्छे संबंध चाहते हैं लेकिन कश्मीर पर पहले बात करनी होगी।
कश्मीर के मुद्दे पर कोई रियायत देने के मूड में नहीं पीएम मोदी
शहबाज शरीफ ने कहा था कि भारत को कश्मीर में अनुच्छेद 370 को खत्म करने के अपने फैसले को पलटना होगा ताकि दोनों ही देश बातचीत को फिर से शुरू कर सकें। पाकिस्तानी रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत बातचीत को फिर से शुरू करने का इच्छुक तो है लेकिन शहबाज शरीफ को कश्मीर के मुद्दे पर कोई रियायत देने के मूड में नहीं है। खबर में दावा किया गया है कि पश्चिमी देश जैसे अमेरिका और ब्रिटेन तनाव को कम करने और दोनों पड़ोसी देशों के बीच फिर से बातचीत शुरू करने के लिए दबाव डाल रहे हैं।
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