रूस ने संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता से हुए अनाज निर्यात समझौते के क्रियान्वयन को तत्काल निलंबित करने का फैसला किया है. रूस के इस फैसले का दुनिया भर में असर महसूस हो सकता है क्योंकि इस समझौते की वजह से यूक्रेन से नौ करोड़ टन से अधिक अनाज का निर्यात हुआ था और वैश्विक स्तर पर खाद्य कीमतों में कमी आई थी.
मॉस्को ने इस कदम के लिए क्रीमिया प्रायद्वीप में रूस के काला सागर बेड़े के जहाजों पर यूक्रेन द्वारा शनिवार को कथित तौर पर किए गए ड्रोन हमले को जिम्मेदार ठहराया है. हालांकि, यूक्रेन ने हमले से इनकार किया है.
अमेरिका ने भी रूस के इस फैसले पर चिंता जाहिर की है. वाशिंगटन में विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि अनाज निर्यात समझौते का निलंबन खेदजनक है और उन्होंने 'सभी पक्षों से इस आवश्यक, जीवन रक्षक पहल को बरकरार रखने का आग्रह किया.'
'रूस युद्ध में भोजन को हथियार बना रहा है'
ब्लिंकन ने शनिवार रात एक बयान में कहा, 'इस समझौते को निलंबित करके रूस फिर से युद्ध में भोजन को हथियार बना रहा है, निम्न और मध्यम आय वाले देशों और वैश्विक खाद्य कीमतों को प्रभावित कर रहा है और पहले से ही व्याप्त गंभीर मानवीय संकट और खाद्य असुरक्षा को बढ़ा रहा है.'
यूएन चीफ की अपील के एक दिन बाद रूस ने लिया फैसला
बता दें रूस ने अनाज निर्यात समझौते के निलंबन की घोषणा यूएन चीफ एंतोनियो गुतारेस की ओर रूस और यूक्रेन से समझौते को नवीनीकृत करने की अपील के एक दिन बाद की है.
गुतारेस ने अन्य देशों, मुख्य रूप से पश्चिमी देशों से रूस के अनाज और उर्वरक निर्यात को अवरुद्ध करने वाली बाधाओं को दूर करने में तेजी लाने का आग्रह किया था. गुतारेस ने जुलाई में हुए इस समझौते को नवीनीकृत करने की जरूरत को रेखांकित किया था, जो 19 नवंबर को समाप्त हो रहा है.