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गौरतलब है कि न्यूजीलैंड के स्वास्थ्य कार्यकर्ता अपने टीकाकरण अभियान में केवल फाइजर वैक्सीन का उपयोग कर रहे हैं।
न्यजीलैंड अब 12 से 15 साल के किशोरों को कोरोना वायरस का टीका लगवाने की अनुमति देने पर विचार कर रहा है। इससे पहले यहां पर सिर्फ 16 वर्ष या इससे अधिक आयु के लोगों को वैक्सीन लेने की इजाजत मिली हुई थी। बता दें गुरुवार को बढ़ते डेल्टा वेरिएंट को ध्यान में रखते हुए यहां सख्त लॉकडाउन लगाया गया था। 6 महीने में पहली बार यहां पर कोरोना के डेल्टा वेरिएंट का पहला मामला सामने आया था। प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न (jacinda Ardern) ने इसके बाद कहा कि यहां पर 11 नए मामलों को मिलाकर कुल 21 मामले हो गए हैं।
मगंलवार को पूरे देश में लगा था 3 दिनों का लॉकडाउन
इस संक्रमण के बढ़ने की पीछे वजह बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस महीने सिडनी से एक यात्री न्यूजीलैंड पहुंचा था, जिसके चलते यह संक्रमण तेजी से फैला है। बता दें कि न्यूजीलैंड सरकार ने मंगलवार को पूरे देश में कम से कम 3 दिन और ऑकलैंड-कोरोमंडल में कम से कम 7 दिनों का लॉकडाउन लगाया था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यहां पर 6 महीने बाद पहला मामला सामने आने के बाद इतना सख्त निर्णय लिया गया था। आखिरी बार न्यूजीलैंड में लोगों के बीच कोरोना का केस फरवरी में दर्ज किया गया था।
न्यजीलैंड में सिर्फ फाइजर वैक्सीन उपयोग हो रही है
न्यूजीलैंड ने बड़े पैमाने पर कोरोना पर नियंत्रण कर लिया है। यही वजह है कि उसकी अर्थव्यवस्था महामारी के दौरान जल्दी ठीक हो गई है। हालांकि, वैक्सीनेशन की धीमी रफ्तार के चलते संक्रमण धीरे-धीरे बढ़ रहा है। डेल्टा वेरिएंट ने अब देश को वापस लॉकडाउन लगाने पर मजबूर किया। लॉकडाउन में सभी स्कूल, सार्वजिनक स्थल और अधिकांश कारोबार बंद रहेंगे। लोगों को घर से काम करने की सलाह दी गई है। बाहर निकलने पर फेस मास्क इस्तेमाल करनी की अपील की गई है। गौरतलब है कि न्यूजीलैंड के स्वास्थ्य कार्यकर्ता अपने टीकाकरण अभियान में केवल फाइजर वैक्सीन का उपयोग कर रहे हैं।
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