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सतर्कता के साथ देश व दुनिया में हुआ नए साल का स्‍वागत, देखें वीडियो और तस्‍वीरें

Renuka Sahu
1 Jan 2022 1:53 AM GMT
सतर्कता के साथ देश व दुनिया में हुआ नए साल का स्‍वागत, देखें वीडियो और तस्‍वीरें
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फाइल फोटो 

गुजरता साल 2021 तो महामारी कोविड-19 की चपेट में रहा ही और तो और नए साल 2022 का आगमन भी पाबंदियों के साथ हो रहा है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। गुजरता साल 2021 तो महामारी कोविड-19 की चपेट में रहा ही और तो और नए साल 2022 का आगमन भी पाबंदियों के साथ हो रहा है। इसके कारण इस बार पूरी दुनिया में नए साल का जश्न फीका पड़ गया। आस्ट्रेलिया के सिडनी में तो न्यू ईयर की आतिशबाजी हो रही है लेकिन कई ऐसी जगहें हैं जहां इस बार नए साल का जश्न फीका है। पेरिस का 'Arc de Triomphe', लंदन का रिवरसाइड और कुआलालंपुर के पेट्रोनास टावर में न्यू ईयर पार्टी का आयोजन इस बार रद कर दिया गया है।

हालांकि दक्षिण अफ्रीका से मिलने वाली खबरें उम्मीद बंधाने को काफी है। वहीं भारत के विभिन्न राज्यों में नए साल का जश्न पूरी सतर्कता के साथ मनाया जा रहा है। तमिलनाडु में पेट्रोलिंग कर रहे पुलिस के जवानों ने आपस में मिठाईयों का वितरण कर नए साल का स्वागत किया।

महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में बांद्रा वर्ली सी लिंक पर खूबसूरत रोशनी की गई है।

राजस्थान में भी लोग नाचते गाते नए साल के आगमन की खुशी मना रहे हैं।

पंजाब के अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ शीश नवाने पहुंची।

दक्षिण अफ्रीका में हटा नाइट कर्फ्यू

उल्लेखनीय है कि दक्षिण अफ्रीका ही वह देश है, जहां कोरोना वायरस के अत्यधिक संक्रामक नए वैरिएंट ओमिक्रोन का पहला मामला सामने आया। अब इस देश ने दुनिया को साल के आखिरी दिन बड़ी खुशखबरी दी है। दरअसल यहां घोषित किया गया है कि ओमिक्रोन वैरिएंट की वेव पीक पर है और यहां अस्पतालों में बेड खाली है। साथ ही इस वैरिएंट से पहले की तुलना में काफी कम मौतें दर्ज की गई हैं। खुशी की बात है कि देश में लागू नाइट कर्फ्यू हटा दिया गया है। इससे नए साल में सकारात्मक उम्मीद जग गई है।
सिडनी: ओपेरा के पास आतिशबाजी
आस्ट्रेलियाई शहर सिडनी ऐसी जगह है जहां नए साल का स्वागत धमाकेदार जश्न के साथ हो रहा है। ओपेरा हाउस के पास ही आतिशबाजी व रंगीन लाइटें जगमगा रहीं हैं।
90 प्रतिशत तक प्रभावी है बूस्टर डोज
कोरोना और उसके बदले स्वरूप (ओमिक्रोन) से लड़ने में कोरोनारोधी टीके का बूस्टर डोज 70 से 90 प्रतिशत तक प्रभावी साबित हो सकता है। कई देशों में लगे बूस्टर डोज के नतीजे देखने के बाद शरीर प्रतिरक्षा विज्ञानियों का कहना है कि हाई रिस्क ग्रुप में बूस्टर डोज लगवाने से काफी राहत मिलेगी, खास तौर पर फ्रंट लाइन वर्कर और बुजुर्गों में। चीन में बायोटेक की विंग सीनोवैक की स्टडी के अनुसार ओमिक्रोन वैरिएंट के खिलाफ तीसरी डोज 94 प्रतिशत प्रभावशाली है।
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