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नए शोध का दावा- कोरोना संक्रमित होंगे बच्चे, पर गंभीर नहीं होगा खतरा

Gulabi
9 July 2021 11:45 AM GMT
नए शोध का दावा- कोरोना संक्रमित होंगे बच्चे, पर गंभीर नहीं होगा खतरा
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चीन से निकले कोरोना वायरस के नए-नए वैरिएंट का आना जारी है

लंदन, प्रेट्र। चीन से निकले कोरोना वायरस के नए-नए वैरिएंट का आना जारी है। इस क्रम में संभावना जताई जा रही है कि महामारी कोविड-19 की तीसरी लहर बच्चों को प्रभावित करेगी। इसे लेकर दुनिया भर में रिसर्च जारी है। इस बीच ब्रिटेन की एक यूनिवर्सिटी में हुए रिसर्च के नतीजों से राहत मिली है। दरअसल इसमें दावा किया गया है कि बच्चों और किशोरों में संक्रमण का असर अधिक खतरनाक नहीं होगा। वायरस से संक्रमण का अधिक खतरनाक रूप केवल उन बच्चों पर दिखेगा जो किसी दूसरे रोग से भी पीड़ित हैं।

बच्चों में कोरोना वायरस (कोविड-19) के खतरे को लेकर एक नया अध्ययन किया गया है। इसका दावा है कि बच्चों और किशोरों में कोरोना संक्रमण के गंभीर होने का खतरा बेहद कम होता है। इनमें मौत का जोखिम भी बेहद निम्न पाया गया है। अध्ययन का यह निष्कर्ष ऐसे वक्त सामने आया है, जब कोरोना महामारी की तीसरी लहर को लेकर संभावना जताई जा रही है। ऐसा कहा गया है इस लहर का प्रकोप खासतौर पर बच्चों पर होगा।
शोधकर्ताओं ने यह निष्कर्ष ब्रिटेन में पब्लिक हेल्थ डाटा के व्यापक विश्लेषण के आधार पर निकाला है। हालांकि इसमें यह भी पाया गया है कि कोरोना वायरस के संपर्क में आने पर उन बच्चों में संक्रमण गंभीर हो सकता है, जो पहले से ही किसी बीमारी से पीड़ित हैं। अध्ययन करने वाले ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन, यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिस्टल और यूनिवर्सिटी ऑफ लिवरपूल के शोधकर्ताओं ने कहा कि 18 वर्ष से कम उम्र वाले बच्चों के बचाव और टीकाकरण नीति पर गौर किया जाना चाहिए।
यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के प्रोफेसर रसेल वाइनर ने कहा, 'इस नए अध्ययन से जाहिर होता है कि बच्चों और किशोरों में कोरोना संक्रमण के गंभीर होने या मौत का खतरा काफी कम है।' शोधकर्ताओं के अनुसार, इंग्लैंड में इस वर्ष फरवरी तक 18 साल से कम उम्र के 251 बच्चों को आइसीयू में भर्ती करने की जरूरत पड़ी यानी यहां इस उम्र के 47 हजार 903 बच्चों में से महज एक संक्रमित को आइसीयू में भर्ती करने की जरूरत पड़ी थी।
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