आतंकियों की पनाहगाह पाकिस्तान ने 21 से 23 अक्तूबर को होने वाली वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) की बैठक से पहले नया पैंतरा चला है। एफएटीएफ की काली सूची से बचने के लिए पाकिस्तान अब अमेरिका को साधने में लग गया है और इसके लिए अमेरिकी लॉबिंग कंपनियों की मदद ली है।
हालांकि, बताया जा रहा है कि पाकिस्तान की यह चाल नाकाम साबित होगी, क्योंकि अमेरिकी रिपोर्ट में पाकिस्तान की आतंकियों के प्रति हमदर्दी और झूठी कार्रवाई का खेल उजागर हो गया है।
पाकिस्तान ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन का समर्थन हासिल करने के लिए टेक्सास स्थित कंपनियों में से एक लिंडन स्ट्रैटेजीज को लगाया है। एक अधिकारी ने कहा, पाकिस्तान को अपना नाम ग्रे सूची से हटाने के लिए 39 में से 12 देशों के समर्थन की जरूरत है।
अमेरिका अकेले ही 20 देशों के ब्लॉक को नियंत्रित करता है। फ्रांस की राजधानी पेरिस स्थित एफएटीएफ की बैठक से पहले पाकिस्तान पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित मौलाना मसूद अजहर, हाफिज सईद, जकीउर रहमान लखवी जैसे वैश्विक आतंकियों के साथ-साथ अलकायदा, जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-ताइबा और हक्कानी नेटवर्क जैसे अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने का दबाव है। अमेरिका पहले ही इन आतंकियों और संगठनों के खिलाफ कार्रवाई के पाकिस्तान के दावों को खारिज कर चुका है।
मसूद अजहर और साजिद मीर के खिलाफ नहीं की कार्रर्वाई
अमेरिकी रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान ने अन्य आतंकियों जैसे जैश-ए-मोहम्मद के संस्थापक और संयुक्त राष्ट्र के नामित आतंकी मसूद अजहर और 2008 के मुंबई हमले के प्रोजेक्ट मैनेजर साजिद मीर के खिलाफ कार्रवाई नहीं की, जिनके बारे में माना जाता है कि वे पाकिस्तान में खुलेआम रह रहे हैं।
पाकिस्तान ने इस साल की शुरुआत में एफएटीएफ के सामने यह दावा किया था कि आतंकी मसूद अजहर लापता है।
काली सूची से बचाने के लिए ट्विटर पर लगाई गुहार
पाकिस्तान के सोशल मीडिया पर कुछ लोगों के समूह की ओर से अपने देश को काली सूची से बचाने के लिए गुहार लगाई है। इन लोगों का कहना है कि अगर पाकिस्तान को एफएटीएफ में शामिल किया गया तो वह बर्बाद हो जाएगा।
हैशटैगएफएटीएफव्हाइटलिस्टपाकिस्तान नाम से ट्विटर पर वकार जका समेत कई लोग लोगों से गुहार लगा रहे हैं कि पाकिस्तान की किस्मत पर फैसले के लिए मदद करें और ज्यादा से ज्यादा संख्या में ट्वीट और लाइक्स करें। इस हैशटैग पर 3.25 लाख लोगों ने प्रतिक्रिया दी है, जिनमें कई पाकिस्तानी नेताओं समेत चीनी राजनयिक लिजियान झाओ भी शामिल है।