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उन्होंने आते ही स्कूल का मुख्यद्वार बंद करा दिया और सभी 92 छात्र-छात्राओं से कहा- वे अपनी कक्षाओं में रहें।
फ्रांस की राजधानी पेरिस में बिना सूचना के तीन दर्जन से ज्यादा पुलिसकर्मी स्कूल में घुसे। उन्होंने आते ही स्कूल का मुख्यद्वार बंद करा दिया और सभी 92 छात्र-छात्राओं से कहा- वे अपनी कक्षाओं में रहें। उन्होंने तलाशी शुरू कर दी और विद्यार्थियों समेत हर चीज के फोटो लिए, जो स्कूल में मौजूद थी। यह वाकया पेरिस के एमएचएस मिडिल एंड हाईस्कूल का है जो 17 नवंबर, 2020 को हुआ। यह वह स्कूल है जहां पर मुस्लिम छात्राओं को हिजाब पहनने की व्यवस्था है। इसी के चलते यह सरकारी एजेंसी के निशाने पर आया।
स्कूल की निदेशक और सह संस्थापक हेनन लौकिली कहती हैं कि सब कुछ वैसे हुआ जैसे कि नशीले पदार्थो की बरामदगी और गिरोह को पकड़ने के लिए होता है। फ्रांस में कट्टरपन की रोकथाम के लिए बन रहे नए कानून के विरोधी इस तरह की घटनाओं का उल्लेख कर मुस्लिमों के खिलाफ उसके इस्तेमाल की आशंका जता रहे हैं। फ्रांस में सरेआम दिनदहाड़े शिक्षक की गला काटकर हत्या और अन्य तमाम आतंकी घटनाओं के बाद सरकार इस्लामिक कट्टरपन को काबू करने के कदम उठा रही है।
फ्रांस में फाइट रेडिकल इस्लाम एंड कम्युनिटी विथड्राल की टीम सभी संदिग्ध स्थानों पर निरीक्षण के लिए जा रही है और उनकी सूचनाएं एकत्र कर रही है। गृह मंत्रालय के अनुसार बीते दिसंबर महीने में ही 476 स्थानों पर छापेमारी की गई और उनमें से 36 को खतरनाक मानकर बंद करा दिया गया। जबकि 2019 से इस तरह की छापेमारी 3,881 स्थानों पर हुई है। इनमें से 126 परिसर संदिग्ध मानकर बंद करा दिए गए हैं। बंद कराए गए परिसरों में ज्यादातर छोटे व्यावसायिक प्रतिष्ठान थे जबकि दो स्कूल थे। छापेमारी में एक ऐसा भूमिगत स्कूल पाया गया था जिसमें एक भी खिड़की या रोशनदान नहीं था। इसमें किसी तरह की पढ़ाई भी नहीं होती थी। वहां पर केवल नमाज पढ़ाई जाती थी।
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