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अमेरिका में फैल रही नई बीमारी, 'सुपरबग फंगस' की चपेट में सैकड़ों लोग, दवाइयां भी बेअसर

Neha Dani
27 July 2021 10:22 AM GMT
अमेरिका में फैल रही नई बीमारी, सुपरबग फंगस की चपेट में सैकड़ों लोग, दवाइयां भी बेअसर
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वैज्ञानिक मान रहे हैं कि आने वाले समय में कैंडिडा ऑरिस गंभीर बीमारी का रूप ले सकती है. लिहाजा इसका इलाज खोजा जाना शुरू कर देना चाहिए.

टीकाकरण के माध्यम से अमेरिका कोरोनावायरस के खिलाफ जंग जीत रहा है लेकिन इसी बीच एक नई बीमारी ने अमेरिका को अपनी चपेट में ले लिया है, जिस पर दवाओं का भी कोई असर नहीं हो रहा है. अमेरिका के दो शहर फंगल संक्रमण से जूझ रहे हैं. ज्यादातर लोग अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं या भर्ती हो चुके हैं. रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र के मुताबिक इस बीमारी से पीड़ित लोगों का इलाज लंबे समय तक चलेगा.

डॉक्टर इसलिए भी परेशान हैं क्योंकि संक्रमण पर दवाएं भी बेअसर साबित हो रही हैं. सीडीसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि वॉशिंगटन डीसी में जनवरी से अप्रैल तक 101 मामले सामने आ चुके हैं. इस टेक्सास में 22 केस दर्ज किए गए. 123 मामलों में से 30 फीसदी लोगों की मौत हो चुकी है. इस बीमारी को कैंडिडा ऑरिस कहते हैं.
एंटी-फंगल दवाएं भी बेअसर
हालांकि रिपोर्ट में कहा गया है कि जान गंवाने वाले लोगों की मौत का कारण कैंडिडा ऑरिस था, यह कहना मुश्किल है. खास बात यह कि एंटी-फंगल दवाएं भी इस पर असर नहीं करती. कैंडिडा ऑरिस सबसे पहले 2009 में जापान में सामने आया था. बाद में पता चला कि यह संक्रमण पाकिस्तान, भारत, दक्षिण अफ्रीका और वेनेजुएला में भी सामने आया था.
इस बीमारी में नसों, घाव और कान के आसपास इंफेक्शन होने लगता है. गंभीर अवस्था में ऐसे लक्षण जान भी ले सकते हैं. कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को यह बीमारी अपना शिकार बनाती है. कुछ दिन पहले ब्राजील में कोरोना से संक्रमित कुछ लोगों में फंगस के लक्षण पाए गए थे. अमेरिकी स्वास्थ्य एजेंसी ने इस बीमारी को एक वैश्विक खतरा बताया है.
सुपरबग फंगस का इलाज बेहद जरूरी
इस बीमारी को 'सुपरबग फंगस' भी कहा जा रहा है. अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि यह बीमारी कहां से और कैसे शुरू हुई? हालांकि अनुमान लगाया जा रहा है कि कोरोना से संक्रमित लोगों को ये बीमारी अपना शिकार बना रही है क्योंकि उनकी इम्यूनिटी कमजोर हो चुकी है. दुनिया के कई वैज्ञानिक मान रहे हैं कि आने वाले समय में कैंडिडा ऑरिस गंभीर बीमारी का रूप ले सकती है. लिहाजा इसका इलाज खोजा जाना शुरू कर देना चाहिए.

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