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तालिबान राज आने के बाद से हर रोज आ रहे नए फरमान, अब महिला छात्राओं के इस कदम पर लगाई रोक

Rounak Dey
27 Aug 2022 3:33 AM GMT
तालिबान राज आने के बाद से हर रोज आ रहे नए फरमान, अब महिला छात्राओं के इस कदम पर लगाई रोक
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उनकी कार्रवाई एक अलग तस्वीर दर्शाती है।

अफगानिस्तान में तालिबान राज आने के बाद से हर रोज नए फरमान जारी हो रहे हैं। तालिबान कभी महिलाओं को पार्क में जाने पर प्रतिबंध लगा रहा है, तो कभी स्कूलों में जाने से रोक रहा है। अब तालिबान ने नया फरमान जारी किया है। तालिबान ने महिला छात्रों को कजाकिस्तान और कतर में अध्ययन करने के लिए अफगान की राजधानी न छोड़ने का आदेश दिया है। तालिबान ने केवल छात्राओं को अनुमति देने से इनकार किया है।


पुरुष छात्रों को दी इजाजत
समाचार एजेंसी एएनआइ ने बताया कि महिला और पुरुष दोनों छात्र काबुल छोड़ने की योजना बना रहे थे, लेकिन केवल पुरुष छात्रों को ही अफगानिस्तान से बाहर जाने की इजाजत दी गई है। गौरतलब है कि देश से अमेरिकी सैनिकों की वापसी और अमेरिका समर्थित सरकार के पतन के बाद, तालिबान के नेतृत्व में एक अंतरिम अफगान

सरकार सितंबर 2021 में सत्ता में आई है।
महिलाओं पर लगातार लगाए जा रहे कड़े प्रतिबंध

तालिबान ने अफगान महिलाओं पर लगातार नए प्रतिबंध लगाए हैं। महिलाओं को घरों से बाहर काम करने पर रोक दिया गया है और स्कूलों में भी लड़कों से अलग पढ़ाने का कानून लाया है। लड़कियों को छठी कक्षा के बाद शिक्षा प्राप्त करने की भी अनुमति नहीं है।

महिलाओं को चेहरा ढंकने के लिए किया मजबूर
इसके अलावा, तालिबान ने सभी महिलाओं को सार्वजनिक रूप से अपना चेहरा ढंकने के लिए मजबूर किया है और महिलाओं को मनोरंजन गतिविधियों में भाग लेने और पुरुषों के साथ पार्कों में जाने से रोका है। महिलाओं की आवाजाही, शिक्षा और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध है जो उनके अस्तित्व के लिए भी खतरा बनता जा रहा है।

स्मार्टफोन का उपयोग करने पर भी रोक
स्थानीय लोगों के अनुसार, तालिबान ने महिलाओं को स्मार्टफोन का उपयोग करने से भी रोक दिया है और महिला मामलों का मंत्रालय अक्सर आवश्यक सुरक्षा प्रदान करने के लिए पैसे की उगाही करता है। वहीं, मीडिया में काम करने वाली लगभग 80 प्रतिशत महिलाओं ने अपनी नौकरी खो दी है।

तालिबान ने पहले समानता का किया था वादा
कई अधिकार समूहों ने तालिबान से महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों को बनाए रखने के लिए बड़े नीतिगत बदलावों और उपायों को लागू करने का आह्वान किया है। तालिबान ने इससे पहले अफगानिस्तान के अधिग्रहण के बाद अपनी पहली प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान एक समावेशी समाज और समानता का वादा किया था, हालांकि, उनकी कार्रवाई एक अलग तस्वीर दर्शाती है।

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