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जब वो पहले से ही लॉकडाउन (Lockdown Party) में पार्टी किए जाने के कारण जांच का सामना कर रहे हैं.
ब्रिटेन की सरकार ने गुरुवार को उन आरोपों को खारिज कर दिया है, जिनमें कहा गया है कि प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (British PM Boris Johnson) ने अफगानिस्तान निकासी अभियान में इंसानों से ज्यादा जानवरों को प्राथमिकता दी. ये बात बीते साल अगस्त महीने की है, जब अफगानिस्तान (Afghanistan) पर तालिबान ने कब्जा कर लिया था. जानवरों की देखभाल करने वाले एक शेल्टर होम से जुडे़ मुद्दे के कारण जॉनसन पर सवालों की झड़ी लग गई है. वो भी ऐसे वक्त में, जब वो पहले से ही लॉकडाउन (Lockdown Party) में पार्टी किए जाने के कारण जांच का सामना कर रहे हैं.
ब्रिटेन की संसदीय समिति ने विदेश मंत्रालय के अगस्त के ईमेल जारी किए हैं. जिसमें राजनयिक पीएम जॉनसन के ब्रिटिश कर्मचारियों और नौजाद पशु चैरिटी के जानवरों की निकासी कराने के फैसले का जिक्र कर रहे हैं. कुछ रिपोर्ट्स में ऐसा कहा गया था कि जॉनसन ने अफगानिस्तान के उस शेल्टर होम (Animal Shelter Home) को तरजीह देने से इनकार कर दिया था, जो अफगानिस्तान में कुत्ते और बिल्लियों की देखभाल का काम कर रहा था. इस शेल्टर होम को ब्रिटेन के एक पूर्व सैनिक चला रहे थे. जिनका नाम पॉल पेन फार्थिंग है. हालांकि बाद में ये खबर खूब चर्चा में आई, जिसके बाद सभी जानवरों को विमान से ब्रिटेन तक सुरक्षित लाया गया.
ईमेल में क्या लिखा है?
एक ईमेल में लिखा है, 'एक पूर्व-रॉयल मरीन द्वारा संचालित चैरिटी नौजाद को बहुत पब्लिसिटी मिली है और पीएम ने अभी-अभी उसके कर्मचारियों और जानवरों को निकालने के लिए मंजूरी दी है.' इस इमेल में दूसरे ऐसे ही संगठनों का जिक्र है, जो इसी तरह की मदद मांग रहे थे. अब इस पूरे मसले पर इसलिए भी इतना हल्ला मच रहा है क्योंकि ब्रिटिश सैनिकों की मदद करने वाले कई अफगान वहीं फंस गए, जबकि ब्रिटेन और अमेरिका जैसे देशों ने कहा था कि वह निकासी अभियान में अपने सैनिकों की मदद करने वाले अफगानों को भी सुरक्षित देश से निकालेंगे.
रक्षा मंत्री ने जारी किया बयान
अब ब्रिटिश सरकार ने जानवरों को इंसानों से अधिक महत्व देने के आरोपों से इनकार कर दिया है. रक्षा मंत्री बेन वॉलेस ने जोर देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री की तरफ से जानवरों को प्राथमिकता देने का कोई आदेश नहीं दिया गया था. इस मामले में गुरुवार को मंत्री थेरेसा कॉफे ने कहा, 'प्रधानमंत्री ने निकासी अभियान से जुड़ा कोई भी फैसला व्यक्तिगत रूप से नहीं लिया है. कई लोगों ने दावा किया है कि जानवरों से संबंधित प्रोजेक्ट को समर्थन देने वालों में प्रधानमंत्री भी शामिल थे, लेकिन पीएम ने कहा है कि वह इन व्यक्तिगत फैसलों में शामिल नहीं थे.'
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