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नेवाडो डेल रुइज ज्वालामुखी फिर हुआ सक्रिय, दहशत में लोग, देखें वीडियो

Neha Dani
15 Nov 2021 6:46 AM GMT
नेवाडो डेल रुइज ज्वालामुखी फिर हुआ सक्रिय, दहशत में लोग, देखें वीडियो
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जो कि 2014 और 2015 के सालों से काफी मिलता-जुलता है. हालांकि, अभी इस ज्वालामुखी पर नजर रखी जा रही है.

कोलंबिया (Colombia) के उस दर्दनाक ज्वालामुखी विस्फोट (Volcanic Blast) को 36 साल हो चुके हैं, जिसमें एक पूरा शहर तबाह हो गया और 25,000 से अधिक लोग मौत की नींद सो गए. अब एक बार फिर वही ज्वालामुखी (Volcano) फिर से सक्रिय हो गया है, जिसने तीन दशक पहले ये भयंकर तबाही मचाई थी. ज्वालामुखी को बीते वीकेंड रात और गैस उगलते हुए देखा गया. कोलंबियाई जियोलॉजिकल सर्विस ने बताया कि नेवाडो डेल रुइज ज्वालामुखी (Nevado del Ruiz volcano) में शनिवार से ध्यान देने योग्य गतिविधि देखने को मिली है.




जियोलॉजिकल सर्विस ने ट्वीट कर कहा, 'नेवाडो डेल रुइज ज्वालामुखी क्षेत्र में स्थापित कैमरों के जरिए आज सुबह 6:21 बजे राख निकलते हुए देखा गया. गतिविधि स्तर पीली गतिविधि स्तर (III) पर है. ज्वालामुखी गतिविधि के व्यवहार में परिवर्तन हो सकता है.' पश्चिमी कोलंबिया में स्थित, नेवाडो डेल रुइज कई ज्वालामुखियों में से एक है जो रिंग ऑफ फायर (Ring of Fire) पर पाए जाते हैं. दरअसल, ज्वालामुखियों और भूकंपीय क्षेत्रों की एक रिंग है, जो प्रशांत बेसिन (Pacific basin) को घेरे हुए है. दशकों तक असक्रिय रहने के बाद 1985 के अंत में नेवाडो डेल रुइज में गतिविधि होने लगी.
शहर की आधी आबादी की हुई मौत
13 नवंबर 1985 को इस ज्वालामुखी ने इतनी ज्यादा गर्मी पैदा की कि इसने स्थायी रूप से पहाड़ के ऊपर जमी बर्फ को पिघला दिया. इसकी वजह से 50 हजार की आबादी वाले शहर आरमेरो राख और धूल से ढक गया और इसकी आधी आबादी मौत की नींद सो गई. अपने नष्ट हुए घर के मलबे में फंसी 13 वर्षीय ओमायरा सांचेज की गर्दन तक पानी और कीचड़ में फंसी तस्वीर ने कोलंबियाई और दुनियाभर के लोगों को झकझोर दिया था. 1985 में ज्वालामुखीय विस्फोट का शिकार हुईं, सांचेज तीन दिनों तक कीचड़ और पानी में फंसी रहीं और आखिरकार उनकी मौत हो गई.
ज्वालामुखी पर रखी जा रही है नजर
इसे 20वीं सदी का सबसे खतरनाक ज्वालामुखीय विस्फोट कहा जाता है. इस विस्फोट को कोलंबियाई इतिहास में सबसे खराब प्राकृतिक आपदा माना जाता है. जियोलॉजिकल सर्विस के अनुसार, नेवाडो डेल रुइज 11 सालों से अधिक समय से अस्थिर रहा है. अस्थिरता की यह अवधि 11 सालों तक चली है. इस दौरान थोड़ी बहुत फ्यूमरोलिक गतिविधि देखने को मिली. जियोलॉजिकल सर्विस ने वर्तमान राख उत्सर्जन को प्रदर्शित करने वाला एक ग्राफिक भी पोस्ट किया है, जो कि 2014 और 2015 के सालों से काफी मिलता-जुलता है. हालांकि, अभी इस ज्वालामुखी पर नजर रखी जा रही है.
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